लखनऊ : अभी तक स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा होती रही है. लेकिन अब परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भी परीक्षा होगी और वार्षिक रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी. इसी के आधार पर ही वे भविष्य में तरक्की पा सकेंगे. शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किए गए पैरामीटर्स पर उन्हें ज्यादा से ज्यादा नंबर जुटाने होंगे. परीक्षा में अच्छे नंबर ही भविष्य में उनकी तरक्की और इंक्रीमेंट तय करेंगे.
बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता व प्रबंधन को बेहतर करने के लिए लागू की गई है. बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या तैयार की जाएगी. इसके लिए परीक्षा में प्रधानाध्यापकों से लेकर सहायक अध्यापकों तक सभी को 9 पैरामीटर्स में ज्यादा से ज्यादा नंबर जुटाने होंगे. परीक्षा को तीन चरणों में बांटा गया है. सबसे पहले खुद शिक्षकों को अपना स्वमूल्यांकन करना होगा. दूसरे स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी उनके पैरामीटर्स को जांचेंगे. वहीं मूल्यांकन आख्या दाखिल किए जाने के बाद तीसरा यानी अंतिम मूल्यांकन बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह मूल्यांकन का कार्य अति गोपनीय रखा जाएगा, जिसकी भनक स्वयं शिक्षकों तक को नहीं लगेगी. इसे वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) नाम दिया गया है. यह मूल्यांकन का कार्य खंड शिक्षा अधिकारियों से कराया जाएगा.