लखनऊः हाल ही में बाराबंकी में हुए सड़क हादसे में रामपुर के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) का भी हाथ था. लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर 28 जुलाई को ट्रक की टक्कर से बस से यात्रा कर रहे 19 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे. इस बस की सीटिंग क्षमता में रामपुर के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) ने खेल कर दिया था. चालक सहित 55 सीट क्षमता वाली बस को 86 सीट का बना दिया था. यही वजह थी कि बस में ज्यादा भार बढ़ गया और एक्सल टूटने से बड़ा हादसा हुआ. परिवहन विभाग की जांच में दोषी पाए जाने पर शनिवार को आरआई चंपालाल को निलंबित कर दिया गया है.
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बता दें कि बाराबंकी बस हादसे की जांच के लिए उप परिवहन आयुक्त लखनऊ परिक्षेत्र को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उउप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने बताया 28 जुलाई को बाराबंकी में ट्रक संख्या एनएल 01 क्यू 8280 और बस संख्या यूपी 22 टी-7918 के बीच बड़ी दुर्घटना हुई थी. पूरी घटना की बारीकी से जांच की गई. उन्होंने बताया कि बस की पंजीयन पत्रावली का अवलोकन किया गया तो पाया गया कि एआरटीओ अरविंद कुमार जैशल ने बस का पंजीयन 1 अक्टूबर 2014 को किया था. उस समय बस की सीटिंग क्षमता चालक सहित कुल 55 थी, जो मानक के अनुरूप थी. इसके बाद तत्कालीन संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) रामपुर चंपालाल के आदेश से 30 दिसंबर 2015 को बस की सीटिंग क्षमता में परिवर्तन कर चालक सहित 86 सीट में तब्दील कर दिया गया. परिवहन विभाग नियमावली के यह बिल्कुल विपरीत है और इसमें आरआई को पूरी तरह से जिम्मेदार माना गया है.