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लखनऊ में तमाम बड़े विकास कार्यों को कराने में लालजी टंडन की रही अहम भूमिका, पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे थे आशुतोष टंडन

भाजपा में वरिष्ठ नेता व लखनऊ पूर्व क्षेत्र से विधायक आशुतोष टंडन का 63 वर्ष की आयु में गुरुवार को करीब 12 बजे निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. तबियत खराब होने के चलते उन्हें मेदांता के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 9, 2023, 3:49 PM IST

लखनऊ :लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा विधायक पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल टंडन का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. गोपाल टंडन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री, पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के बेटे थे. लालजी टंडन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे. राजधानी लखनऊ में तमाम बड़े विकास कार्यों को करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है. वह लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी सरकार में आवास एवं नगर विकास के मंत्री भी रहे.

विकास कार्यों को कराने में लालजी टंडन की रही अहम भूमिका


भाजपा नेतृत्व ने लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया था. लालजी टंडन के बेटे आशुतोष गोपाल टंडन ने अपने पिता की विरासत को संभालकर आगे बढ़ाने का काम किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्रा के 2014 में सांसद बनने और लखनऊ पूर्व से इस्तीफा देने के बाद हुए उपचुनाव में आशुतोष टंडन भाजपा की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे, हालांकि इससे पहले 2012 विधानसभा चुनाव में लखनऊ उत्तर सीट पर हुए चुनाव में वह जीत नहीं पाए थे. 2017 विधानसभा चुनाव में फिर एक बार उन्होंने जीत दर्ज की और भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. बाद में हुए फिर फेरबदल में उन्हें भाजपा नेतृत्व ने नगर विकास विभाग की जिम्मेदारी दी थी. वह कार्यकर्ताओं और समर्थकों में काफी लोकप्रिय रहे हैं. पूर्व मंत्री आशुतोष गोपाल टंडन एक जनप्रिय नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं. साथ ही अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने और पिता से जुड़े नेताओं समर्थकों को भी साथ लेकर चलने में उन्होंने अपनी भूमिका का निर्वहन किया.

विकास कार्यों को कराने में लालजी टंडन की रही अहम भूमिका


कहा जाता है कि कैंसर की बीमारी होने की वजह से 2022 के विधानसभा चुनाव में चुनाव जीतने के बावजूद भी भाजपा नेतृत्व में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई, हालांकि वह लगातार सक्रिय भूमिका में नजर आते रहे. पिछले करीब चार महीने से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था और गंभीर रूप से बीमार थे. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भी उनका इलाज चल रहा था, जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित तमाम नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

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