लखनऊ: कर्नाटक हिजाब मामले (karnataka hijab case) का असर अब उत्तर प्रदेश में भी नजर आने लगा है. कॉलेज में हिजाब के पहनावे की लड़ाई को लेकर विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ मुस्लिम धर्मगुरुओं के भी बयान सामने आने लगे हैं. एक तरफ जहां ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने इस मामले में कर्नाटक सरकार की कठोर निंदा की है, वहीं कर्नाटक के प्रभारी राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण कुमार ने कहा है कि कर्नाटक का प्रभारी और कर्नाटक के माहौल को मैं बहुत अच्छी तरीके से जानता हूं. हिजाब पहनकर बुर्का पहनकर लड़कियों को स्कूल में जाना और स्कूल का ड्रेस कोड नहीं मानना, इसके पीछे कांग्रेस और पीएफआई का हाथ है.
राज्यसभा सांसद अरुण कुमार. चुनाव प्रचार के लिए मुरादाबाद पहुंचे अरुण कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक में एक स्कूल के अंदर बुर्का और हिजाब पहनने को लेकर जो हंगामा चल रहा है उसके पीछे कांग्रेस और पीएफआई का हाथ है. जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार थी, तो इसी पीएफआई ने 23 हिंदुओं को हत्या की थी. कर्नाटक 2015 में उसी स्कूल में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए ड्रेस कोड था.
अरुण कुमार ने कहा कि जो समाजवादी की मानसिकता है वहीं कांग्रेस की मानसिकता है. अपनी राजनीति से तुष्टिकारण की राजनीति से दूषित राजनीति से स्कूलों को भी दूर नही रखा. हमें पूरा विश्वास है कि उनके मंसूबे कभी भी पूरे नहीं हो पाएंगे. उत्तर प्रदेश में तो हिम्मत ही नहीं है कि बुर्का पहनकर के स्कूलों में जाओ और स्कूल का ड्रेस कोड नहीं मानो. यह योगी की सरकार है.
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स्कूल में बिल्कुल ड्रेस कोड होना चाहिए: केके शर्मा
वहीं, वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के.के शर्मा ने प्रियंका गांधी के द्वारा किये गए ट्वीट 'चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है' पर कहा है कि यह तो स्वतंत्रता है. इसमे क्या दिक्कत है, लेकिन यदि किसी संस्थान में या कहीं का नियम है, तो उसे भी मानना चाहिए. उन्होंने कहा है कि स्कूल में बिल्कुल ड्रेस कोड होना चाहिए, क्योंकि स्कूल शिक्षा के साथ अनुशासन की भी शिक्षा देता है. जीवन में अनुशासन पाठशालाओं से ही आती है. इसलिए विद्यालय और पाठशाला में अनुशासन के अनुसार ड्रेस कोड है तो उसका पालन भी होना चाहिए.
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई नाराजगी
इसी तरह ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कर्नाटक हिजाब मामले पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कर्नाटक हिजाब मामले में जिस तरीके से एक मुस्लिम बच्ची को भगवाधारियों ने घेर कर जय श्रीराम के नारे लगाए और उस शेर दिल मुस्लिम बच्ची ने निडरता से सामना करते हुए अल्लाह हू अकबर की सदा बुलंद की, यह सबक हमको कर्बला से मिला है. मौलाना यासूब अब्बास ने कर्नाटक सरकार और कॉलेज प्रबंधन की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में मुल्क की फिजा को खराब करने की कोशिश की जा रही है, जब देश के कई राज्यों में इलेक्शन है. इस दौरान हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार डालने की कोशिश की जा रही है.
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मौलाना यासूब का कहना है कर्नाटक हिजाब मामले पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एग्जीक्यूटिव कमेटी की जल्द बैठक बुलाएगा. इस मीटिंग में बोर्ड के तमाम जिम्मेदारों की सरपरस्ती में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि कर्नाटका हिजाब मामला सुर्खियों में आने के बाद देश के कई मुस्लिम संगठन इस पर अपना बयान जारी कर चुके हैं. इससे पहले मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भी इस मामले में हस्तक्षेप कर चुके हैं.
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