लखनऊ: वर्ष 2017, जब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी, तो मनचलों पर लगाम लगाने के लिए 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' का गठन किया गया. शुरुआती दौर में सरकार के निर्देशों पर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की और मनचलों के साथ-साथ प्रेमी युगलों को भी पुलिस कर्मचारियों ने निशाना बनाया. आज 3 साल बाद एंटी रोमियो की चर्चाएं न के बराबर हो रही हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत की जाने वाली कार्रवाई का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हालांकि राजनीति व सामाजिक कार्य में सक्रिय महिलाएं विभागीय आंकड़ों को झूठा करार दे रही हैं.
पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के तहत पिछले 3 वर्षों से भी अधिक समय में एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में 7,134 एफआईआर दर्ज की गई. इसके तहत 11,222 गिरफ्तारियां की गई हैं. आंकड़ों में पुलिस की सक्रियता उम्मीद से भी अधिक है. पिछले 3 सालों से अधिक समय में 29,31,652 स्थानों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत चेकिंग की गई है. 81,70,707 व्यक्तियों की चेकिंग एंटी रोमियो स्क्वॉड के तहत की गई है. कुल 34,26,323 को एंटी रोमियो स्क्वॉड की टीम ने कार्रवाई की चेतावनी दी है.
आंकड़ों में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एंटी रोमियो स्क्वॉड सक्रिय नजर आ रहा हो, लेकिन जमीन पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है. महिलाओं का कहना है कि आज भी मनचलों के हौसले बुलंद हैं. सड़कों पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं, जिन्हें रोकने में पुलिस नाकामयाब है.
दिखावा नहीं प्रयास की जरूरत
महिलाओं के लिए काम करने वाली समाज सेविका उषा विश्वकर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया था, लेकिन जमीन पर इसका असर देखने को नहीं मिला. आज भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है. हमने कई बार एंटी रोमियो स्क्वॉड के प्रभाव को देखने के लिए सड़कों पर नाट्य रूप से छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया, लेकिन इस दौरान महिलाओं की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. एंटी रोमियो स्क्वॉड छेड़छाड़ पर क्या रोक लगाएगा, जब राजधानी लखनऊ में ही महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज किए जाते हैं, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं की जाती. सरकार को महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए दिखावा नहीं प्रयास करने की जरूरत है.
एंटी रोमियो स्कॉड एक सांकेतिक घोषणा
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह का कहना है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड एक सांकेतिक घोषणा थी. एंटी रोमियो स्क्वॉड का न कोई वजूद है और न ही जमीन पर कोई अस्तित्व. हमने महिलाओं को टेक्नोलॉजी की मदद से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए 1090 (वूमेन पावर लाइन) की शुरुआत की थी. महिलाओं के प्रति अपने काम को दिखाने के लिए योगी सरकार ने इस एंटी रोमियो स्क्वॉड की शुरुआत कर दी, लेकिन इसके तहत काम नहीं किया गया. पुलिस विभाग के जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वह हास्यप्रद हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के तहत उत्तर प्रदेश महिला व बाल अपराधों के मामले में पहले स्थान पर है.
महिलाओं को सुरक्षा देने में बीजेपी फेल
कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा का कहना है कि सरकार का गठन होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया, जिससे महिलाओं को काफी उम्मीद थी, लेकिन योगी सरकार में सड़कों पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़, दुष्कर्म के बाद हत्या व डोमेस्टिक वायलेंस में बढ़ोतरी हुई है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में गिरावट नहीं आई है. मेरा कहना है कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी अन्य विकास के मुद्दों पर फेल रही है. उस तरह से महिलाओं को सुरक्षा देने में भी वह विफल है.