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जुमे की नमाज में पढ़ाया गया इकरारनामा - जुमे की नमाज में इकरारनामा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाह को आसान बनाने के लिए एक इकरारनामा जारी किया गया है. इसको जुमे की नमाज में खुतबे के दौरान मुसलमानों को पढ़कर मस्जिद के इमामों द्वारा सुनाया गया. मुसलमानों से इस पर अमल करने के लिए कहा गया है.

लखनऊ
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Published : Apr 2, 2021, 9:51 PM IST

लखनऊःऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से निकाह को आसान और शरई बनाने के मकसद से एक इकरारनामा जारी किया गया है. इसको जुमे की नमाज में खुतबे के दौरान मुसलमानों को पढ़कर मस्जिद के इमामों द्वारा सुनाया गया. इसके तहत जामा मस्जिद, ऐशबाग, ईदगाह में भी इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली की अगुवाई में जुमे की नमाज के दौरान 11 बिंदुओं वाले इस खास इकरारनामे पर मुसलमानों से अमल करने की अपील की गई.

निकाह का नया इकरारनामा

11 बिंदुओं वाला विशेष इकरारनामा
देश में मुसलमानों की बड़ी संस्थाओं में शुमार ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने इन दिनों दहेज के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. इसके तहत एक 11 बिंदुओं वाला विशेष इकरारनामा तैयार किया गया है. इकरारनामा में दिन-ब-दिन महंगी होती शादियों और गलत रस्मों रिवाज को खत्म करने के मकसद से कई अहम पहलुओं पर जोर दिया गया है.

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ईदगाह जामा मस्जिद में सैकड़ों लोगों को सुनाया इकरारनामा
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की ओर से जारी इस इकरारनामे को मस्जिद के इमाम जुमे के खुतबे के दौरान नमाजियों को पढ़कर सुनाएंगे. इसकी शुरुआत जामा मस्जिद ऐशबाग ईदगाह से कर दी गई है. शुक्रवार को मस्जिद के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने आसान व सुन्नत निकाह की मुहिम के अंतर्गत इस इकरारनामे पर मुसलमानों से अमल करने की अपील की है. 11 बिंदुओं वाले इस विशेष इकरारनामे को नमाजियों को पढ़कर सुनाते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि निकाह को आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए सुन्नत तरीके से निकाह किया जाए. उन्होंने कहा कि निकाह को इबादत की तरह करना चाहिए ना कि रस्म के तहत अंजाम देना चाहिए. फरंगी महली ने कहा कि निकाह व वलीमे में नाच गाना, आतिशबाजी व फिजूल के खर्च से बचना चाहिए और निकाह के बाद पति की ओर से दुल्हन को उसका मेहर तुरंत अदा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए बेहतर अमल यह होगा कि बेटियों को दहेज के बजाय शरीयत के मुताबिक विरासत में उनको जो अधिकार मिले हैं उनको वह देना चाहिए. उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि बेटियों को उनके अधिकार से वंचित रखना बड़ा गुनाह है. लिहाजा मुसलमानों को इस गुनाह से बचना चाहिए. इस दौरान ऐशबाग ईदगाह में नमाजियों ने इस इकरारनामे पर हस्ताक्षर करके अपना भरपूर समर्थन जताया.

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