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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ AKTU का परीक्षा प्रश्न पत्र, छात्रों ने उठाए सवाल

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) की सेमेस्टर परीक्षाओं का प्रश्न पत्र सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. छात्रों ने प्रश्नपत्र ट्वीट कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर आउट ऑफ सिलेबस के प्रश्न पूछे जाने के आरोप लगाए.

AKTU का परीक्षा प्रश्न पत्र वायरल
AKTU का परीक्षा प्रश्न पत्र वायरल

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Published : Jan 11, 2022, 9:02 AM IST

लखनऊ: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाओं का प्रश्न पत्र सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. छात्रों ने प्रश्नपत्र ट्वीट कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर आउट ऑफ सिलेबस के प्रश्न पूछे जाने के आरोप लगाए. यह परीक्षा सोमवार को कराई गई थी.

5वें सेमेस्टर का एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स का आरोप है कि सोमवार को एग्जाम के दौरान AKTU के मशीन लर्निंग एंड टेक्नीक का पेपर आउट ऑफ सिलेबस दे दिया गया. स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी कुलपति व सीएम योगी सहित कई लोगों को टैग करके सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत की. यूनिवर्सिटी ने पूरी तरह से इन आरोपों को नकार दिया है.

स्टूडेंट्स की शिकायत है कि 5वें सेमेस्टर की परीक्षा में सातवें सेमेस्टर के सिलेबस से सवाल पूछ लिए गए हैं. एक छात्र ने तो सोशल मीडिया पर यहां तक लिखा है कि इस विषय के फैकल्टी भी सवाल को हल नहीं कर सकती. उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से पेपर में किसी भी तरह की गड़बड़ी से साफ इनकार कर दिया है. प्रवक्ता आशीष मिश्रा का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक ने किसी तरह की लापरवाही न होने की बात स्वीकार की है.

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को लेकर विवाद चल रहा है. स्टूडेंट की ओर से ऑफलाइन परीक्षा न कराए जाने की मांग की जा रही है. स्टूडेंट्स का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालातों को देखते हुए ऑफलाइन परीक्षा टाल देनी चाहिए. ऑफलाइन के स्थान पर ऑनलाइन परीक्षाएं कराई जा सकती हैं. उधर, विश्वविद्यालय की तरफ से ऑनलाइन परीक्षा न कराकर ऑफलाइन परीक्षा कराने की बात कही गई थी.

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एक सवाल यह भी है कि शासन और विश्वविद्यालय की तरफ से क्लासेस भले ही ऑनलाइन चलाए जाने की बात कही जा रही हो, लेकिन परीक्षाएं ऑफलाइन कराई जा रही हैं, जबकि नियमित कक्षाओं से ज्यादा उपस्थिति परीक्षाओं में रहती है. जानकारों की मानें तो कोरोना संक्रमण के नाम पर भले ही विश्वविद्यालय प्रशासन अपने हिसाब से परीक्षा करा रहा हो, लेकिन इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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