लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अक्सर अपनी लैपटॉप योजना का बखान करते हुए कहते हैं कि इसने उत्तर प्रदेश के युवाओं को सूचना क्रांति का साझीदार बनाया है. सोमवार को अखिलेश यादव खुद सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थकों की ट्रोलिंग का शिकार हो गए. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ तुकबंदी में नारों को पेश किया तो उन्हें खरी-खोटी सुननी पड़ी.
भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर अखिलेश यादव अक्सर यह कह कर हमलावर होते हैं कि सरकार ने उनकी लैपटॉप योजना को बंद कर दिया. युवाओं को सूचना क्रांति से दूर करने की साजिश की है. उन्हें इंटरनेट के इस्तेमाल से रोक दिया है. वह युवाओं की इंटरनेट पर सक्रियता का श्रेय खुद को देते हैं, लेकिन सोमवार को सोशल मीडिया पर उन्हें अपने ही बयान की वजह से ट्रोल होना पड़ा.
अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर हो रहे ट्रोल
अखिलेश यादव ने सोमवार दोपहर में ट्वीट करते हुए लिखा कि किसान-नौजवान ने ठानी है, नफरत के सरकार हटानी है. गरीबों-मजदूरों ने ठानी है, नोटबंदी सरकार हटानी है. व्यापारी-कारोबारी ने ठानी है, जीएसटी वाली सरकार हटानी है. शिक्षामित्रों ने ठानी है, बहरी सरकार हटानी है. अखिलेश को अपने इस ट्वीट पर ज्यादा समर्थन नहीं मिल सका. उन्हें महज 4000 लाइक मिले, जबकि इससे पहले अखिलेश के ट्वीट को कुछ ही घंटों में 5 से 10,000 लाइक मिलते देखा गया है.
उनके इस ट्वीट को रिट्वीट करने वाले भी बेहद कम हैं. वहीं जवाब देने वालों ने अखिलेश यादव को सोशल मीडिया पर ही खूब खरी-खोटी सुनाई है. वंदे भारत हैंडल से लिखा गया कि नेताजी ने ठानी है, मोदी सरकार ही बनानी है. इसी तरह के कई और ट्वीट भी हैं.