लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने अपने बयान में कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा तिरंगा भुला देगी और हिन्दू-मुस्लिम पर आ जाएगी. भाजपा ने अंग्रेजों से सीखा है, तोड़ो और राज करो की नीति. भाजपा की इन साजिशों से जनता भलीभांति परिचित हो चुकी है. बिहार की तरह उत्तर प्रदेश की जनता भी भाजपा को दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंकेगी.
अखिलेश यादव ने कहा कि तिरंगा अभियान का सहारा भाजपा आजादी के आंदोलन में अपनी कोई भूमिका न होने की शर्म छुपाने के लिए निकाल रही है. इनकी मंशा मुद्दों से भटकाने की है. भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस ने कभी न तो स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और न ही नागपुर स्थित अपने मुख्यालय पर भारत का राष्ट्रध्वज फहराया. तिरंगा को वह बस इन दिनों राजनीतिक एजेण्डा बना रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा तिरंगा को सम्मान देना भी नहीं जानती है.
अखिलेश ने आगे कहा कि देश की सम्पत्ति निजी हाथों में बेचने वाली भाजपा सरकार में भाजपाइयों द्वारा मुजफ्फरनगर में शिवचौक पर स्टाल लगाकर तिरंगा बेचना शर्मनाक है. भाजपाई सदैव राष्ट्रभावना, देश की सम्पत्ति, धार्मिक भावनाएं, राष्ट्रवाद को बेचते ही आये हैं. भाजपा, आरएसएस यह सब बेचकर ही सत्ता में आये हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के लिए संघर्ष करने और बलिदान देने वालों ने स्वतंत्र भारत के सम्बंध में जो सपने देख थे, उनको भाजपा सरकार ने धूल धूसरित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भाजपा सत्ता में आने पर गांव-गरीब की उपेक्षा कर अपने पूंजीपति मित्रों का खजाना भरने पर ही ध्यान केन्द्रित किये हुए है. गरीब, मजदूर, मध्यम वर्ग की भाजपा राज में कोई सुनवाई नहीं है. खाने-पीने की चीजों के अलावा खेती किसानी के उपयोग में आने वाली खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि सभी उपकरण व घरेलू इस्तेमाल की सभी वस्तुएं और संसाधन बिजली, डीजल, पेट्रोल, महंगा हैं.
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार में पूंजीपति बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भाग गये हैं. उनका सारा कर्ज माफ हो गया, जबकि किसान कर्जमाफी के लिए दर-दर भटक रहा है. किसान का कर्ज नहीं माफ किया गया है. नौजवान को रोजगार और महिलाओं को सम्मान नहीं मिला. कानून व्यवस्था चौपट है. भाजपा ने प्रदेश को बर्बाद कर दिया है. समाजवादियों ने बिहार में भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है. 9 अगस्त को ‘अगस्त क्रांति‘ की शुरुआत हो चुकी है.