लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि भाजपा सरकार के सत्ता में रहते पांच वर्ष पांच महीने हो चुके हैं पर उसके कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में विकास की एक भी ईंट नहीं रखी गई है. भाजपा सरकार ने समाजवादी सरकार के विकास कार्यों को ही अपना बताकर उनका नाम बदलने और लिखवाने के अलावा और कुछ भी नहीं किया है. भाजपा के अब तक के रिपोर्ट कार्ड में केवल भाजपा के नेताओं की प्रतिमाएं खड़ी करने का ही काम हुआ है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भाजपा राज में सर्वाधिक पीड़ित प्रदेश का किसान है. उसे हर तरह से छला जा रहा है. बाढ़ और सूखा दोनों से वह परेशान है पर सरकार केवल बयानबाजी से ही समस्याओं का समाधान कर देने की नौटंकी कर रही है. भाजपा सरकार अपने पिछले पूरे कार्यकाल में स्थितियों का केवल आंकलन कर पाई है. लगभग 52 जिलों पर सूखे की काली छाया मंडरा रही है. खरीफ की फसल बुरी तरह प्रभावित है. बड़ी तादात में बुवाई नहीं हो पाई है.
यादव ने कहा सूखा संकट से किसान उबरता उससे पहले ही नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ रहा है. वाराणसी-बलिया में गंगा की उफान से निचले इलाकों में संकट है. प्रयागराज में घरो में पानी घुस गया है. एक रात की बारिश में ही इटावा में मैनपुरी अण्डरब्रिज नाला बन गया, कई बस यात्रियों की जान मुश्किल में पड़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाढ़ और सूखा को अब प्राकृतिक आपदा कहकर भाजपा सरकार अपना बचाव नहीं कर सकती है. पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उसने कृषि संकट से उबरने और आपदा प्रबंधन के लिए कुछ नहीं किया है. जब संकट गहराया है तो समय रहते व्यापक इंतजाम करने के बजाय सरकार फिर तरह-तरह के बहाने बनाने में लगी है.
अपनी पुरानी आदत के अनुसार नए-नए वादे और नए-नए निर्देश जारी हो रहे हैं परन्तु इससे कोई भला होने वाला नहीं है. यादव ने कहा कि तत्काल आवश्यकता तो यह है कि किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले. ट्यूबवेल के बिजली कनेक्शन नहीं कटने के जबानी निर्देश से तो कुछ होने वाला नहीं. सरकार को किसानों के बिजली के बिल माफ करने चाहिए. बिजली के बिल की वसूली के लिए छापेमारी से उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है.