लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के उस बयान का बचाव किया है, जिसमें उन्होंने सरकार बदलने पर पुलवामा हमले की जांच कराने की बात कही थी. अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रश्न पूछने का हक हर किसी को है. इसे रोका नही जा सकता है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि, हमारे सशस्त्र बलों के बलिदान पर कभी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. उन्होने कहा कि प्रश्न पूछना राजनेताओं का एक मौलिक अधिकार है. यह सरकार प्रश्न पूछने पर प्रतिबंध लगाना चाहती है, जिसे रोकने की जरुरत है.
क्या था राम गोपाल यादव का बयान
जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, पुलवामा हमले का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आतंकी हमले को साजिश बताते हुए बुधवार को कहा था कि मौजूदा सरकार ने वोट के लिए जवानों को मार दिया. जब सरकार बदलेगी तो इस मामले की जांच की जाएगी, तब बड़े-बड़े लोग इसमें फंसेंगे.
होली मिलन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने जम्मू-श्रीनगर के बीच चेकिंग नहीं की थी. जवानों को साधारण बस में भेजा गया, यह एक साजिश थी. इस साजिश के बारे में अभी कुछ नहीं कहना चाहता हूं लेकिन जब सरकार बदलेगी, इस मामले की जांच होगी और बड़े-बड़े लोग फंसेंगे. रामगोपाल यादव से पहले पश्चिम बंगाल से भी मोदी सरकार के खिलाफ ऐसी आवाज उठ चुकी है.
पीएम मोदी ने बयान पर किया पलटवार
बता दें कि रामगोपाल यादव के इस बयान पर बीजेपी ने निंदा करते हुए कड़ी टिप्पणी की. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष हमारी सेना को बार-बार अपमानित कर रहा है. मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि विपक्ष से सवाल पूछे. उनको बताएं कि 130 करोड़ जनता विपक्ष को उनके बयानों के लिए न माफ करेगी और न ही भूलेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि रामगोपाल यादव जैसे वरिष्ठ नेता का यह बयान उन सभी का अपमान करता है, जिन्होंने कश्मीर की रक्षा करने में अपनी जान की बाजी लगा दी. यह हमारे शहीदों और उनके परिवारों का अपमान है. बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने पुलवामा आतंकी हमले को 'साजिश' बताया है. इसी के साथ पीएम मोदी ने ट्विटर पर एक और हैशटैग #JantaMaafNahiKaregi की शुरुआत भी की है.