लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की पूरी राजनीति ही झूठ और नफरत के सहारे चलती है. उसने अब घोषणापत्र को संकल्प पत्र के रूप में झूठ का पुलिंदा बनाकर नया इतिहास रचना शुरू कर दिया है. वादा न निभाना भ्रष्टाचार ही है. उन्होंने कहा कि जनता को बुनियादी मुद्दों से भटकाने की कला में पारंगत भाजपा नेता यह नहीं बताते कि उन्होंने पहले लोगों को कैसे और कितना छला है.
'15 लाख देने का सपने में भी नहीं करते जिक्र'
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रलोभनों की बौछार करने वाली भाजपा अब 15 लाख हर एक के खाते में भेजने का जिक्र सपने में भी नहीं करती है. हवा में एक्सप्रेस-वे बनाने वाले उत्तर प्रदेश के स्टार प्रचारक अपने चार साला जश्न में संकल्प पत्र में उल्लिखित वादों के निभाने का रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए. अच्छा होता उनमें से एक-दो वादे ही पूरे करने की बात बता देते. अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जनता अब उनसे निजात पाने के लिए छटपटा रही है. भाजपा के डबल इंजन और विकास के जुमले बंगाल में नहीं चलेंगे. उन्होंने चुटीक लेते हुए कहा कि वहां तो खेला होबे.
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'पुराने वादों की नहीं करते बात'
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज विश्व जल संरक्षण दिवस पर प्रधानमंत्री जल संचय पर लम्बा व्याख्यान देने से भला कहां चूकने वाले थे. उन्होंने बुंदेलखण्ड के लिए कई वादे कर दिए. यह बात अलग है कि उनके वादे तो वादे ही रहते है. वाराणसी को प्रधानमंत्री क्योटो बना रहे थे. अब उसका जिक्र तक नहीं होता है. मुख्यमंत्री भी कहां पीछे रहने वाले हैं. वे अयोध्या को वैटिकन सिटी का दर्जा दिलाने के लिए मचल रहे हैं.
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'आज तक पूरे नहीं हुए बुंदेलखंड के वादे'
अखिलेश यादव ने कहा कि बुंदेलखण्ड देश के सबसे बदहाल क्षेत्रों में शुमार है. पेयजल संकट के साथ खाद्य संकट से भी स्थानीय निवासियों को जूझना पड़ता है. भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र की घोर उपेक्षा की है. उसकी नज़र क्षेत्र की खनिज सम्पदा पर है, न कि क्षेत्र के विकास पर. बुंदेलखण्ड में समाजवादी सरकार ने हैण्डपम्प लगवाए थे. झांसी में सैनिक स्कूल की स्थापना के बजट दिया था. मंडियों की स्थापना की गई थी. भाजपा की डबल इंजन सरकार का विकास से कोई लेना देना नहीं है. बता दें कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं. कभी कानून व्यवस्था को लेकर तो कभी किसानों के मुद्दे को लेकर वह प्रदेश और केंद्र की सरकार को घेरते रहते हैं.