लखनऊ: भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर एक्टिव एडवोकेट फाउंडेशन की ओर से अधिवक्ता सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर प्रदेश के विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि हमें गरीबों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.
वकीलों के प्रति आज भी सम्मान
समारोह को संबोधित करते हुए विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वह भी विधि के छात्र रहे हैं तथा वकीलों के प्रति उनका आज भी सम्मान है. अपने उद्गार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ-साथ संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे. डॉ राजेंद्र प्रसाद के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान लागू होने के साथ-साथ 26 जनवरी 1950 से 14 मई 1962 तक वह भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते रहे. उन्होंने जूनियर वकीलों से आह्वान किया है कि वह मेहनत से काम करके व्यवसाय को और भी पवित्र बनाएं.
11 पिता-पुत्रों को सम्मान
एक्टिव एडवोकेट फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में 11 ऐसे पिता पुत्रों को सम्मानित किया गया जो वकालत व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. उनमें मुख्य रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार यादव, उमा शंकर श्रीवास्तव, सुनील द्विवेदी, विजय प्रताप सिंह, एचए अल्वी, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ,प्रवीण तिवारी, निशंक रस्तोगी आदि को उनके पुत्रों के साथ स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
इनको किया गया सम्मानित
समारोह के प्रारंभ में विधि मंत्री बृजेश पाठक द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इसके पश्चात एक्टिव एडवोकेट फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव एवं महामंत्री अमोद कुमार श्रीवास्तव ने विधि मंत्री को माला पहनाकर स्वागत किया.