एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर भरना पड़ेगा एक लाख जुर्माना. देखें खबर लखनऊ : काउंसिलिंग में एमबीबीएस या बीडीएस की सीट पर प्रवेश लेकर मॉप-अप राउंड के बाद सीट छोड़ने वाले छात्र की धरोहर राशि जब्त होने के साथ ही एक लाख का जुर्माना भी देना होगा. यहीं नहीं काउंसिलिंग के दौरान ही दो साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देने का बांड भी भरना पड़ेगा. यह निर्देश बीते सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी काउंसिलिंग विवरण पुस्तिका में दिया गया है.
एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर भरना पड़ेगा एक लाख जुर्माना. मेडिकल कॉलेजों में स्नातक एमबीबीएस और डेंटल कॉलेजों में बीडीएस में प्रवेश के लिए होने वाली काउंसिलिंग के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू समेत विभिन्न जिलों में 16 संस्थानों को बतौर नोडल सेंटर स्थापित किया गया है. काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए मंगलवार से पंजीकरण शुरू हो चुका है. दो हजार रुपये पंजीकरण शुल्क के साथ ही नीट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए 30 हजार, प्राइवेट कॉलेज के लिए दो लाख और प्राइवेट डेंटल कॉलेज के लिए एक लाख रुपये बतौर धरोहर राशि जमा करनी होगी. अगर, कोई सरकारी व प्राइवेट दोनों कॉलेजों की काउंसिलिंग में प्रतिभाग करता है तो उसे भी धरोहर राशि के रूप में दो लाख रुपये जमा करने होंगे. इसके अलावा तीसरी व अंतिम काउंसिलिंग मॉपअप राउंड होगी. इसमें शामिल होने के लिए एक हजार रुपये सभी को पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा.
एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के बाद सीट छोड़ने पर भरना पड़ेगा एक लाख जुर्माना.
सीट छोड़ने पर भरना होगा जुर्माना :शिक्षाविद् शहनवाज खान का कहना है कि सरकार का यह प्रयास बहुत अच्छा है, लेकिन इसमें एक बात क्लियर करूंगा कि काउंसिलिंग कई फेस में होती है और अंतिम काउंसिलिंग में जब सीट फाइनल हो जाएगी तब अभ्यर्थी सीट नहीं छोड़ सकेंगा. पहली व दूसरी काउंसिलिंग के दौरान कुछ विकल्प के साथ छोड़ा जा सकता है, लेकिन आखिरी काउंसिलिंग के बाद अगले पांच साल तक स्टूडेंट सीट छोड़ नहीं सकता और अगर छोड़ता है तो काउंसिलिंग के दौरान जमा होने वाली 30 हजार धरोहर राशि और एक लाख तक की अतिरिक्त जुर्माना देना पड़ेगा.
स्टेट आयुर्वेदिक कॉलेज में 100 में से 40 स्टूडेंट्स ही बचे :शिक्षाविद् शहनवाज खान ने बताया कि पिछली बार स्टेट आयुर्वेदिक कॉलेज में 100 बच्चों की सीट थी. काउंसिलिंग के दौरान सभी ने काउंसिलिंग कराई और सीट ले ली, लेकिन मौजूदा समय में इस समय पिछले सत्र के मात्र 40 स्टूडेंट ही पढ़ाई कर रहे हैं. बाकी 60 स्टूडेंट्स ड्रॉप आउट कर गए. यह एक बहुत बड़ा नुकसान है. इसलिए यह एक अच्छा प्रयास सरकार ने किया है. काउंसिलिंग के दौरान इस तरह के डिस्ट्रक्शन लगाने चाहिए.
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