लखनऊ: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाने वाले एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट को बढ़ावा देने और डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर पेटीएम व ओएनडीसी के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया गया है. पेटीएम और ओएनडीसी के माध्यम से ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स भारत सरकार एक ट्रायल कर रहा है.
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल से विशेष बातचीत. सहगल ने कहा कि इसके अंतर्गत डिजिटल कॉमर्स की जितनी भी वेबसाइट हैं, वह इसके माध्यम से जुड़ेंगे. हमारे जो छोटे-छोटे कारीगर हैं उनका जो सामान है डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से कैसे बिक सकता है और उसका कैसे बेहतर ढंग से ट्रांजेक्शन हो सकता है. उसकी सुविधा इस एमओयू के माध्यम से कारीगरों को मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब ओडीओपी के जो प्रोडक्ट हैं उन्हें डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म पेटीएम उसको प्रमोट करेगा और दुनिया के जो भी डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं उन्हें उनके साथ जोड़ने का काम करेगा. ताकि बनारस के कारीगर की साड़ी अमेरिका और यूरोप में भी बिक सके और उसका ट्रांजेक्शन उसके खाते में आ सके.उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम लोग काम आगे बढ़ा रहे हैं. अब देश ही नहीं विदेश में भी ओडिओपी के उत्पाद आसानी से बिक सकेंगे और उनका ट्रांजेक्शन भी आसानी से कराया जा सकेगा.
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उत्तर प्रदेश में निवेश का तैयार हुआ बेहतर माहौल के पीछे क्या बड़े कारण है, इस सवाल पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि पिछले 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में निवेश का पूरा परिवेश बदला है. नीतियों और कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है. अब दुनिया के देश सभी निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश करके अपना उद्यम स्थापित करने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि आज का यह जो कार्यक्रम हुआ है, उसी का एक संदेश देता है. उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर अच्छी नीतियां है. निवेश के लिए अनुकूल ब्यूरोक्रेसी है और राजनीतिक व्यवस्था है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहतर नेतृत्व है. आज जो मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सभी को सहयोग और संरक्षण होगा. एक बहुत बढ़िया इकोसिस्टम उत्तर प्रदेश में निवेशकों को मिल रहा है और यह एक बड़ा संदेश निवेशकों में गया है. उन्होंने कहा कि एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत जो कार्यक्रम चल रहा है उसे आगे बढ़ाया जा रहा है. आज भी एमएसएमई के माध्यम से काफी संख्या में निवेश की परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं. एमएसएमई को आगे बढ़ावा दिया जा रहा है. इसे से ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार लोगों को दिया जा सकता है.