लखनऊ: टेक्नोलॉजी का परिवहन विभाग को फायदा मिलने लगा है. यही वजह है कि अभी तक लापरवाही पर जो ड्राइवर पकड़ में नहीं आते थे अब उनकी हरकत पकड़ में आ जा रही है. ऐसे वाहन चालकों पर परिवहन विभाग सख्ती से कार्रवाई भी कर रहा है. आलम यह है की ई-चालान से एक साल में ही परिवहन विभाग ने करीब 10,000 ड्राइवरों के ड्राइविंग लाइसेंस ससपेंड कर दिए हैं. वाहन चलाते समय छह तरह की लापरवाही सामने आई है, जिन पर परिवहन विभाग में इस तरह का सख्त एक्शन लिया है. यह पहला मौका है जब परिवहन विभाग ने एक साल में इतनी संख्या में डीएल निलंबित किए हैं.
9642 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई
टैबलेट से ई-चालान करने पर बार-बार अपराध करने वाले वाहन मालिकों को ब्यौरा और वाहन का नंबर दर्ज करते ही उनका पिछला रिकॉर्ड सामने आ जाता है. इससे मोटरयान अधिनियम का उल्लघंन करने वाले बच नहीं पा रहे हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो एमबी एक्ट में आधा दर्जन अपराध ऐसे हैं, जिन पर डीएल सस्पेंड करने की कार्रवाई हो सकती है. अफसरों के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने से पहले वाहन स्वामी को नोटिस भेजा जाता है, जिससे न्यायालय के अधिनियम ये मामला न पहुंचने पाए. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि तकरीबन एक साल में 9642 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई प्रदेश भर में की गई है. परिवहन आयुक्त धीरज साहू बताते हैं कि नियमों का उल्लंघन करने पर किसी भी ड्राइवर को बख्शा नहीं जाएगा. उन पर मोटरयान अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अब तक 9000 से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई हुई है.