लखनऊ :आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि रवि तिवारी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी के साले हैं. राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने उसी दिन बगल स्थित 10370 वर्ग मीटर जमीन 8 करोड़ में ही खरीदी थी, जिससे यह तय हो जाता है कि चंपत राय को जमीन के मूल्य की जानकारी थी. इस सौदे में भी ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं.
उतने ही पैसे में खरीदी जा सकती थी 26000 वर्ग मीटर जमीन
गुरुवार को यहां जारी बयान में संजय सिंह ने कहा कि अगर 8 करोड़ में 10370 वर्ग मीटर जमीन के रेट को सही मान लें तो भी 18.50 करोड़ रुपये में करीब 26000 वर्ग मीटर जमीन खरीदी जा सकती थी, जबकि साढ़े अट्ठारह करोड़ में सिर्फ 12080 वर्ग मीटर जमीन ही खरीदी गई. उन्होंने दोहराया कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट, भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद जिस एग्रीमेंट का बार-बार जिक्र कर रहे थे वह 18 मार्च को कैंसिल हो गया था, उसमें रवी मोहन तिवारी का नाम नहीं था तो बैनामे में उसका नाम क्यों शामिल कराया गया.
'घोटाले के कारण नहीं बन पा रहा मंदिर'
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रभु श्री राम का मंदिर इसलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि घोटाला और भ्रष्टाचार किया जा रहा है, भाजपा और राम जन्म भूमि ट्रस्ट के लोगों ने प्रभु श्री राम मंदिर के पैसे को खा लिया है. गरीबों ने अपना पेट काटकर प्रभु श्री राम की मंदिर के लिए चंदा दिया, उस चंदे के पैसे के एक-एक रुपए का सदुपयोग होना चाहिए.
आहत हैं शंकराचार्य और संत
संजय सिंह ने कहा कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट में हुए जमीन के घोटाले को लेकर जगदगुरू शंकराचार्य जी, स्वामी स्वरूपानंद जी, रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी, सत्येंद्र दास, निर्मोही अखाड़े, स्वामी अवमुक्तेश्वानंद का बयान आया कि वो भी इस भ्रष्टाचार की घटना से आहत हैं, क्या ये सब प्रभू श्री राम के खिलाफ हैं.
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