पंचायती चुनाव में आप दिखाएगी दम, कमजोर संगठन होगी बड़ी चुनौती
यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. ऐसे में कमजोर संगठन को मजबूत करना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी.
लखनऊ: लंबे समय से उत्तर प्रदेश में सक्रिय आम आदमी पार्टी ने पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह ने घोषणा की है कि पंचायत चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसके लिए पार्टी ने आवेदन मांगे हैं. पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार पार्टी को आवेदन भेज सकते हैं.
कमजोर संगठन आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती
संजय सिंह ने पार्टी की ओर से पंचायत चुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है, लेकिन पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की तलाश आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती होगी. संजय सिंह भले ही सरकार पर हावी नजर आते हों और विपक्ष के तौर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हों, लेकिन आज भी आम आदमी पार्टी संगठन के तौर पर उत्तर प्रदेश में बहुत कमजोर नजर आती है. ऐसे में पंचायत चुनाव में उतरने से पहले पार्टी को अपने संगठन को मजबूत करना होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन का अभाव
आम आदमी पार्टी के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन का अभाव है. शहरी क्षेत्र में भले ही आम आदमी पार्टी के पास कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ता हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आम आदमी अपना संगठन बनाने में नाकामयाब रही है. ऐसे में पंचायत चुनाव में मैदान में उतरने से पहले आम आदमी पार्टी के पास सबसे बड़ी चुनौती संगठन को मजबूत करना और लोगों तक अपनी नीति को पहुंचाना होगा.
आम आदमी पार्टी यूपी में तलाश रही जमीन
आम आदमी पार्टी लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रही है. बीते दिनों स्मार्ट मीटर, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था सहित तमाम मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर सवाल दागे थे. स्मार्ट मीटर और कानून व्यवस्था को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन चलाने की बात कही गई थी. आम आदमी पार्टी आम जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर सरकार को घेर कर अपनी जमीन तलाश रही है.
कमजोर संगठन के कारण 2017 में नहीं उतरे थे मैदान में
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय थी. लेकिन, कमजोर संगठन के चलते ही 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारा था. वर्ष 2017 के चुनाव से पहले पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. आखिरी समय तक आम आदमी पार्टी अपना संगठन मजबूत नहीं कर पाई. इसके चलते बाद में पार्टी को चुनाव न लड़ने का फैसला लेना पड़ा था.