राजधानी लखनऊ का मध्य विधानसभा क्षेत्र
कुल वोटर :4,47,504
पुरुष मतदाता : 2,36,053
महिला मतदाता :2,11,451
लखनऊ. राजधानी लखनऊ के मध्य विधानसभा क्षेत्र में विकास का पहिया कहां तक पहुंचा, कितना विकास हुआ और अभी कहां व कौन सी समस्याएं बरकरार हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत ने ग्राउंड रियलिटी चेक की.
पड़ताल में यह बात सामने आई कि लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई बड़े काम हुए. हालांकि सड़क, जलनिकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर परेशानी अब भी कई क्षेत्रों में बरकरार है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बृजेश पाठक यहां से चुनाव जीते. बृजेश पाठक योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी के विधायक व सपा सरकार में मंत्री रहे रविदास मेहरोत्रा दूसरे नंबर पर रहे और मात्र 5094 वोटों से वह चुनाव हार गए थे.
कांग्रेस उम्मीदवार मारूफ खान यहां पर करीब 12000 वोट पाकर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। सपा कांग्रेस के गठबंधन होने के बावजूद इस सीट पर सपा कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे जिससे भाजपा जीतने में सफल हो गई थी.
काम हुए पर अधूरे कामों की फेहरिस्त भी लंबी
लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर कई बड़े काम किए गए जिनमें नाका और इस क्षेत्र में जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर ओवरब्रिज का निर्माण प्रमुख था. बावजूद उसके अभी भी कई इलाकों में जाम की समस्या बरकरार है.
इसके अलावा करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से सीवर लाइन डालने का काम भी किया गया. मध्य क्षेत्र में कई सड़क और अन्य पुलों का निर्माण भी कराया गया. सार्वजनिक शौचालयों व मल्टी लेवल पार्किंग का भी निर्माण कराया गया. इनमें अमीनाबाद व नादान महल रोड पर मल्टी लेवल पार्किंग भी बनाई गई.
इससे सड़क पर ट्रैफिक का लोड भी कम हुआ है. इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी आगे बढ़ा है. लोहिया पथ के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम चल रहा है. तमाम इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों का भी निर्माण बड़े पैमाने पर कराया गया है.
इसके अलावा कुकरेल नाले से डीजीपी ऑफिस के पास तक पक्के नाले और सड़क का निर्माण समेत सीवर लाइन का काम भी तेजी से चल रहा है. स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत भी लखनऊ मध्य क्षेत्र में तमाम विकास के कार्य हो रहे हैं. इनमें अंडरग्राउंड बिजली के बिल डालने का काम, नालियों का निर्माण या फिर गलियों की सड़क और सड़कों में फुटपाथ बनाने का काम हो, सभी काम तेज गति से हो रहे हैं. हालांकि कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां बदहाल सड़कें लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहीं हैं.
इसके अलावा मध्य क्षेत्र में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां समस्याएं बरकरार हैं. कैसरबाग नादान महल रोड बिल्लौचपुरा गोलागंज रकाबगंज वजीरगंज सुभाष मार्ग जैसे क्षेत्रों में बिजली के तारों का मकड़जाल भी लोगों को परेशान कर रहा है. कई जगहों पर खुले में ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर आजकल बारिश के दिनों में करंट लगने का खतरा बना हुआ है.
इसके अलावा कई इलाकों में जिनमें बिल्लौचपुरा, वजीरगंज गोलागंज नरही जैसे इलाकों में पेयजल का संकट बरकरार है. इस दिशा में अभी तमाम तरह का काम किया जाना बाकी है. दूषित पेयजल आपूर्ति खस्ताहाल सड़क और मध्य क्षेत्र में दो बड़े ओवरब्रिज बनाए जाने के बावजूद जाम की समस्या बरकरार है.
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मध्य क्षेत्र के अंतर्गत नरही, सदर, हुसैनगं लाल कुआं, लाटूश रोड में भी बिजली के तारों का मकड़जाल लोगों को परेशान करता है. यहां पर कई जगहों पर खस्ताहाल सड़कें राहगीरों को आने-जाने में परेशान करती हैं. कैसरबाग क्षेत्र में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत होने वाले कामकाज की वजह से पूरी सड़कें खुदी हुई हैं. सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर राहगीरों को कई बार चोटिल भी करते हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
सुनील कुमार बताते हैं कि वे लोग कई वर्षों से यहां रहते हैं. पहले यहां जाम की समस्या रहती थी. यहां पर अब इस ओवर ब्रिज बनने से काफी राहत मिली है. मध्य क्षेत्र के लोगों को ओवरब्रिज बनने से काफी राहत मिली है. कुछ जगहों पर समस्या है जल निकासी, सीवर लाइन, खड़ंजा व नाली आदि की समस्या भी रहती है. सरकार इस ओर भी ध्यान दें तो बेहतर होगा.
प्रतीक सिंह कहते हैं कि ट्रांसफार्मर खुले में रखा है. इससे बारिश होने पर करंट लगने का खतरा बढ़ गया है. लोगों की जान भी जा सकती है. गली में स्ट्रीट लाइट न होने से चोरियां होतीं हैं. बताया कि उनकी स्कूटी भी चोरी हो गई.
स्थानीय अनिल शुक्ल ने कहा कि गलियों में पानी भर जाता है. बरसात में दिक्कत होती है. जल निकासी अच्छी नहीं है. इसके अलावा और कोई समस्या नहीं है. पार्किंग बनाई गई है, इससे काफी राहत मिल जाती है. यह पार्किंग शुरू हो जाएगी तो और राहत मिलेगी.
रजनीश शर्मा कहते हैं कि विकास कार्य हुए हैं. मंत्री के तरफ से पार्क का निर्माण भी कराया गया है. सड़क का भी निर्माण कराया गया है. पहले इतने नाले नहीं थे जितने आज हैं. इनकी सफाई भी नहीं होती थी. पर आज सफाई में सुधार आया है. जाम की समस्या भी कम हुई है. सड़कों पर डिवाइडर लगे हुए हैं. इससे यातायात में सुगमता आई है. इस क्षेत्र में फ्लाईओवर की जरूरत है. उससे जाम की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी.
सलाउद्दीन बताते हैं कि यहां तमाम काम अच्छे हुए हैं परेशानी कुछ नहीं है. विकास के कार्य हो रहे हैं, पहले की तुलना में काफी काम हुए हैं. मोहम्मद सफी कहते हैं कि सड़क नहीं बनी है. सड़क बनने का हम लोग इंतजार कर रहे हैं. सभासद के स्तर पर काम होते हैं. सदर क्षेत्र में सड़क निर्माण की जरूरत है. सड़क ठीक न होने से काफी समस्या होती है.
दीपक कहते हैं कि पुराने किले के अंतर्गत पानी की समस्या रहती है. हमारे क्षेत्र में पानी की बहुत समस्या है. इसके अलावा तो काम हुए हैं. बाकी सड़कें पहले की बनी हुई है. सफाई कभी होती है और कभी नहीं भी होती. विकास को लेकर और ध्यान देने की इस क्षेत्र में जरूरत है.
राम कुमारी कहती हैं कि सदर क्षेत्र में सड़क नहीं बनी है. दूसरी तरफ सीवर लाइन बनी है. कहा कि उनकी लाइन में सड़क नहीं बनी है. बिजली भी कम रहती है. सरकार को विकास की तरफ और अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में कुछ काम हुआ कुछ बाकी. जातिगत समीकरण
लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी मानी जाती है. इस क्षेत्र में व्यापारी वर्ग की संख्या भी काफी है. इसके अलावा ब्राह्मण वैश्य, कायस्थ, ओबीसी व एससी/एसटी वोटर भी अच्छी संख्या में हैं. एससी/एसटी वोटरों में यहां सोनकर समाज के लोग अच्छी संख्या में हैं.
पंजाबी और सिख समाज के लोग भी लखनऊ मध्य क्षेत्र में अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में अधिक हैं. कुल मिलाकर सब जातियों के साथ साथ मुस्लिम मतदाता इस क्षेत्र में जीत हार निर्धारित करते हैं.
मतदाताओं की जातियों की बात की जाए तो करीब 18 फीसद मुसलमान मतदाता हैं. 16 फीसद ओबीसी मतदाता है. करीब 13 एससी/एसटी मतदाता है. करीब 53 फीसद सवर्ण जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया, खत्री, पंजाबी, कायस्थ व अन्य जातियों के वोटर शामिल हैं.