लखनऊ :प्रकृति में हो रहे प्रदूषणों के कारण जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बन गया है. वर्तमान में कोई भी मानसून अपने निर्धारित माह के हिसाब से नहीं आ रहा है. विश्व प्रकृति दिवस का उद्देश्य यह है की आने वाली पीढ़ी प्रकृति के महत्व को समझे और इसे संरक्षित करने के लिए आगे बढ़े. जब प्रकृति में सारी व्यवस्थाएं उसके अनुकूल रहेंगी तो मानव जीवन के लिए कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं होगी. भूमंडल, वायुमंडल, जलमंडल यह तीनों मानव के लिए अति महत्वपूर्ण हैं. जब प्रकृति हरी भरी होगी तो शुद्ध हवा और शुद्ध जल की प्राप्ति होगी. प्रकृति दिवस व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को एक साथ आने और बदलाव लाने के लिए अवसर प्रदान करता है.
'आजीविका के लिए वन हैं जरूरी' :पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि 'हर साल विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य इतना है कि ताकि हम अपनी प्रकृति को संरक्षित रख सकें. उन्होंने कहा कि प्रकृति है तो हम हैं. प्रकृति से ही हमें भोजन-पानी और जीवन है. प्रकृति से हमें जीने के सारे संसाधन प्राप्त हो रहे हैं और अगर प्रकृति जीवित नहीं रहेगी तो हम सभी का जीवन तहस-नहस हो जाएगा. वर्तमान में स्थिति बहुत खराब होती जा रही है. प्रकृति से हमें जीने की सारी चीज मिल रही है. अगर वह संरक्षित नहीं रहेगा तो जीवन कैसे चलेगा. आज हमारे सामने प्रकृति संरक्षण के संबंध में बहुत सी चुनौतियां सामने आ रही हैं. जंगल कटते जा रहे हैं. नदियां सूखती जा रही हैं. वायुमंडल और जल प्रदूषण होता जा रहा है, यानी कि जीवन के जितने साधन हैं वह या तो समाप्त हो रहा है या प्रदूषित हो रहा है या फिर उनकी गुणवत्ता खराब हो रही है. प्रकृति को बचाने के लिए हमें इसकी रक्षा करनी होगी अगर मानवता को बचाए रखना है.
भूमंडल, जलमंडल व वायुमंडल के बिना जीवन संभव नहीं : उन्होंने कहा कि 'हम सभी को मालूम है कि प्रकृति के तीन अवयव होते हैं. जिसे घटक के नाम से जाना जाता है. जिसमें भूमंडल, जल मंडल और वायुमंडल शामिल हैं. इन तीनों को बचाने का दायित्व हम सभी का है. भूमंडल से हमें भोजन मिलता है. जलमंडल से हमें पानी मिलता है और वायुमंडल से हमें शुद्ध हवा मिलती है. इन्हीं तीनों घातक से हमारा जीवन चलता है. इन तीनों चीजों को हमें संजो के चलना है और तीनों की रक्षा करनी है.'
प्रकृति की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती :उन्होंने कहा कि 'वर्तमान में प्रकृति की सुरक्षा करना एक बड़ी चुनौती हो गई है. यदि यह तीनों इसी तरह दिन-ब-दिन प्रदूषित होते रहे तो मानव जीवन की कल्पना करना संभव नहीं होगा. सोचने वाली बात है कि किस तरह से प्रकृति को संरक्षित किया जा सकता है. हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन संभव है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पर पानी है और वायु है. इसके अलावा अन्य किसी ग्रह या उपग्रह पर अभी तक यह खोज में नहीं पता चला है कि वहां वायु और पानी दोनों की उपस्थिति हो. उन्होंने कहा कि हम ऐसे उपग्रह पर हैं जहां पर हमें यह दोनों ही चीज उपलब्ध हैं. अगर इन दोनों ही चीजों की रक्षा हम नहीं करेंगे तो जीवन सफल नहीं होगा. इसलिए हमें मिलकर के प्रकृति को बचाना है. इसी को संदेश देने के लिए विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है ताकि आम जनता प्रकृति के महत्व को समझें और अपने दायित्व का पालन करें.'