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अब जेल भी कोरोना संक्रमण की जद में, सिर्फ एक माह में 1,869 बंदी संक्रमित

कोरोना की दूसरी लहर से अब जेल के कैदी भी सुरक्षित नहीं हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना ने ज्यादा तबाही मचा रखी है. पिछले साल कोरोना से जहां महज एक कैदी की मौत हुई, वहीं इस बार सिर्फ अप्रैल माह में 5 की मौत हो चुकी है. अब तक 1,869 कैदी संक्रमित पाए गए हैं.

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Published : May 1, 2021, 4:46 PM IST

1,869 बंदी संक्रमित
1,869 बंदी संक्रमित

लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में हाहाकार मचा रखा है. संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. लोग ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कोरोना से होने वाली मौतों के चलते श्मशान घाटों पर दाह संस्कार के लिए जगह तक नहीं बच रही है. वहीं, आम जनता, नेताओं और सेलिब्रिटी के साथ कोरोना ने जेल में बंद कैदियों को भी अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है.

जानकारी देते संवाददाता.

इस बार की लहर से सभी परेशान

पिछले साल कोरोना की पहली लहर यानी 2020 में यूपी की जेलों में बंद कुल 14,214 कैदी संक्रमित हुए थे. दूसरी लहर में महज एक माह (अप्रैल) में ही 1,869 कैदी संक्रमित हो गए. यदि इसी रफ्तार से कोरोना जेलों में अपने पांव पसारता रहा तो दिसंबर 2021 तक 22 हजार से ज्यादा कैदी संक्रमित हो सकते हैं. यही नहीं, पिछले साल के मुकाबले इस साल जेल में कोरोना से मौतें भी अधिक हुईं हैं. पिछले साल कोरोना से एक बंदी की मौत हुई जबकि इस बार सिर्फ एक माह में दो कैदी, दो जेल सुरक्षाकर्मी और एक अधिकारी की कोरोना से मौत हो गई.

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पिछले साल से कम अस्थाई जेल

आज प्रदेश की 72 जेलों में 1,12,065 कैदी बंद हैं, जिनमें 1,09,002 कैदी स्थाई जेल में हैं और 3,063 कैदी अस्थाई जेल में हैं. यह भी तब है, जब गृह विभाग के आदेश के बावजूद सिर्फ 42 अस्थाई जेलें ही काम कर रही हैं. जबकि, बीते साल कोरोना की शुरुआत पर 83 अस्थाई जेलें बनाए गए थे.

कोशिश रही नाकाम

कोरोना की इस दूसरी लहर को रोकने के लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. 23 मार्च 2020 से बंद हुई जेलों में मुलाकात की व्यवस्था अब तक लागू है. यानी कि एक साल और एक महीने बीतने के बावजूद किसी भी कैदी से कोई बाहरी व्यक्ति या उसका परिजन नहीं मिला है. बावजूद इसके कोरोना का संक्रमण जेलों में तेजी से फैल रहा है. जेलों के अंदर पहुंच रहे नए कैदियों के लिए अस्थाई जेल में कोरोना की टेस्टिंग और 14 दिन के लिए क्वारंटीन करने की व्यवस्था की गई है. उसके बाद स्थाई जेल में भी अलग बैरक में क्वारंटीन करने की व्यवस्था की गई है. प्रशासन हैरत में है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इतनी चाक चौबंद व्यवस्था होने के बाद भी कैदी संक्रमित कैसे हो रहे हैं.

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क्षमता से अधिक कैदी होने की वजह से फैल रहा संक्रमण

जेल प्रशासन का दावा है कि यूपी के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण संक्रमण फैल रहा है. यूपी की 29 जेलों में क्षमता से 2 गुना और 3 गुना अधिक कैदी बंद हैं. कई जिलों में अस्थाई जेल न होने से कैदीयों को सीधे जेल के आइसोलेशन बैरक में भेजा जा रहा है. उनमें लखनऊ जिला जेल, आगरा जिला जेल, आगरा सेंट्रल जेल, अलीगढ़, बस्ती, जौनपुर, अयोध्या, बहराइच का जिला कारागार शामिल है.

कारागारों का हो रहा सैनिटाइजेशन

डीजी जेल आनंद कुमार का कहना है कि पहले लॉकडाउन के साथ ही जेलों के अंदर कोविड प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करवाया गया. जेलों में कैदीयों के उनके परिजनों से मिलने की प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद रखा गया. बिना मास्क के किसी भी कैदी को सेल या बैरक से बाहर नहीं निकलने दिया गया. समय-समय पर बैरक का सैनिटाइजेशन भी हो रहा है. कैदियों का हेल्थ चेकअप कराया जा रहा है.

कैदियों का चल रहा टीकाकरण

इसके साथ ही अब टीकाकरण का अभियान भी तेजी से चल रहा है. कहा कि विभिन्न जेलों में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 25,790 कैदी हैं, इसमें से 22,375 कैदियों को टीका लग चुका है. अन्य कैदियों का भी टीकाकरण किया जा रहा है. यही नहीं, उत्तर प्रदेश की जेलों में अब तक 4,33,789 बंदियों का कोरोना टेस्ट कराया जा चुकी है.

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