लखनऊ : यूपी में मच्छरों का आतंक जारी है. बुखार के मरीजों की अस्पतालों में भीड़ है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों की लाइनें लगी हैं. शुक्रवार को 180 डेंगू के नए मरीज मिले. वहीं, लखनऊ के फैजुल्लागंज में डेंगू बुखार नहीं थम रहा है.
जलभराव व गंदगी स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं, अब मरीजों की संख्या 12,780 के करीब हो गयी. वहीं लखनऊ में 22 डेंगू के मरीज मिले. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड, इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. ये दोनों घातक भी हो सकते हैं.
डेंगू के प्रकार
- टाइप 1 - सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
- टाइप-2-डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
- टाइप -3 -डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
ये रहे लक्षण