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यूपी में नहीं थम रहा डेंगू का डंक, 180 नए मरीज मिले - dengu case in up

उत्तर प्रदेश में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को 180 डेंगू के नए मरीज मिले. लखनऊ समेत कई शहरों में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं.

यूपी में थम नहीं रहा डेंगू का डंक.
यूपी में थम नहीं रहा डेंगू का डंक.

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Published : Oct 15, 2021, 9:19 PM IST

लखनऊ : यूपी में मच्छरों का आतंक जारी है. बुखार के मरीजों की अस्पतालों में भीड़ है. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों की लाइनें लगी हैं. शुक्रवार को 180 डेंगू के नए मरीज मिले. वहीं, लखनऊ के फैजुल्लागंज में डेंगू बुखार नहीं थम रहा है.


जलभराव व गंदगी स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस व डेंगू-मलेरिया की समस्या बढ़ रही है. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं, अब मरीजों की संख्या 12,780 के करीब हो गयी. वहीं लखनऊ में 22 डेंगू के मरीज मिले. डॉक्टरों ने सलाह दी है कि किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड, इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. ये दोनों घातक भी हो सकते हैं.

डेंगू के प्रकार

  • टाइप 1 - सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
  • टाइप-2-डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
  • टाइप -3 -डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

ये रहे लक्षण


तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आने लगता है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी आना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होना प्रमुख लक्षण है.

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सलाह दी गई है कि घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

सलाह दी गई है कि बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें.

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