लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के संविदा और नियमित ड्राइवर यात्रियों की जान से खेल रहे हैं. शराब का सेवन कर बस की स्टीयरिंग थामें ऐसे डेढ़ दर्जन ड्राइवरों को रोडवेज ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अचानक रूट पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में कई ड्राइवर शराब पिए हुए बस चलाते पकड़े गए.
संवाददाता ने दी मामले की जानकारी. कुल 3905 चालकों का किया गया ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट-
परिवहन निगम के नियमित 1027 चालकों और संविदा के 2878 चालकों का ब्रेथ एनालाइजर मशीन के जरिए टेस्ट किया गया. 20 दिन, 40 रूट, 80 टीमों द्वारा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया. इस टेस्ट में 18 ऐसे ड्राइवर पकड़ में आए जो टल्ली होकर बसों की स्टीयरिंग थामे हुए थे.
इनमें 17 ड्राइवर संविदा पर तैनात थे, वहीं एक ड्राइवर परिवहन निगम में नियमित कर्मचारी था. जिसके बाद रोडवेज के एमडी डॉ. राजशेखर ने 17 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया. वहीं रेगुलर कर्मचारी को सस्पेंड कर जांच की जा रही है. इसके बाद अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे भी नौकरी से बाहर किया जाएगा.
प्रशासन ने चालकों की दी सख्त हिदायत-
रोडवेज के अधिकारियों ने चालकों को सख्त हिदायत दी है कि वे किसी कीमत पर बस का संचालन करते समय शराब का सेवन न करें. अचानक ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाएगा और ड्रिंक किए हुए पाए जाने पर तत्काल नौकरी से निकाल दिया जाएगा. परिवहन निगम की 17 संविदा चालकों और एक नियमित चालक पर कार्रवाई किए जाने से अब रोडवेज के ड्राइवरों में हड़कंप मचा हुआ है.