लखनऊ : उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण की 10 लोकसभा सीटों पर सभी राजनीतिक दलों के लिए कड़ा संघर्ष होगा. 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इनमे से सात सीटों पर जीत दर्ज की थी, तो तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था. बीजेपी के लिए इन सीटों को बचाए रखना बड़ी चुनौती होगी. वहीं सपा-बसपा गठबंधन के अस्तित्व का सवाल है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि वह 2009 में इन 10 सीटों में से उसने चार पर जीत दर्ज की थी, इस बार वह कम से कम छह सीटें जीतेगी.
समाजवादी पार्टी के पास जो 3 सीटें थी, उनमें से मैनपुरी सीट से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव चुनाव जीते थे. फिरोजाबाद से अक्षय यादव और बदायूं से धर्मेंद्र यादव संसद पहुंचे थे. पिछला चुनाव सपा ने अकेले लड़ा था. तो वहीं इस बार बसपा के साथ गठबंधन है, लेकिन शिवपाल यादव के सपा से अलग होकर नई पार्टी बना लेने से सपा इस क्षेत्र में कमजोर पड़ती हुई दिखाई दे रही है. फिरोजाबाद सीट पर इस बार अक्षय यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव आमने सामने हैं.
तीसरे चरण में होंगे 10 लोकसभा सीटों के चुनाव रामपुर सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प होगा. रामपुर से सपा के कद्दावर नेता आजम खान आते हैं. इस सीट पर भाजपा ने सिने अभिनेत्री जयाप्रदा को चुनाव मैदान में उतारा है. जयाप्रदा रामपुर पहुंचकर पहले दिन से ही आजम खां को चुनौती दे रही हैं. भाजपा ने इससे पहले 2014 में नेपाल सिंह को रामपुर से उतारा था. तब भाजपा को जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस का कहना है कि 2009 में यह सीट उसके पास थी. अभी कांग्रेस के पक्ष में माहौल है. इसलिए इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिलेगी.
ऐसे ही पीलीभीत सीट से भाजपा ने नया प्रत्याशी उतारा है. पीलीभीत से पिछले लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी चुनाव जीती थी. इस बार उनके बेटे वरुण गांधी को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. मेनका गांधी वरुण गांधी की सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि एकदम स्पष्ट है. मोदी जी की देश में हवा चल रही है. उत्तर प्रदेश में योगी जी ने उस हवा को और धार दी है. 74 प्लस का हमारा नारा यूं ही नहीं है. यूपी कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि जहां तक 2014 के लोकसभा चुनाव की बात है तो बीजेपी ने उसमे बड़े बड़े वादे करके वोट हथिया लिए थे। यह तुक्का बार बार लगने वाला नहीं है.
वरिष्ठ पत्रकार पी एन द्विवेदी का कहना है कि यह चरण किसी के लिए आसान नहीं होगा. ज्यादातर सीटें सपा के प्रभाव वाली हैं. इस वजह से सपा बसपा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर देगा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के सपा से अलग होने की वजह से सपा कई सीटों पर कमजोर पड़ेगी. पारिवारिक कलह का असर तीसरे चरण पर साफ दिखेगा.
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में संपन्न होने वाले लोक सभा सामान्य निर्वाचन के लिए तीसरे चरण में 10 लोकसभा सीटों का चुनाव होगा. इसके लिए 28 मार्च को अधिसूचना जारी हुई है और 4 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे. 23 अप्रैल को मतदान होगा.
तीसरे चरण की इन सीटों पर होगा मतदान
मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली तथा पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र शामिल है, जहां
कुल मतदात- एक करोड़ 76 लाख
महिला मतदाता- 95.5 लाख
पुरुष मतदाता- 80.9 लाख
थर्ड जेंडर- 983
18-19 आयु के मतदाता- दो करोड़ 98 लाख 619
80 वर्ष के मतदाता- दो करोड़ 99 लाख 871
मतदान केंद्र- 12128
मतदेय स्थल- 20116
तीसरे चरण की 10 सीटों की 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
1- मैनपुरी
समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से पिछले लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव को जीत मिली थी. जबकि भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान को 2,31,252 वोट प्राप्त हुए थे. बसपा के संघमित्र मौर्य यहां से तीसरे नंबर पर थे. कांग्रेस ने मैनपुरी से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. मैनपुरी संसदीय सीट की पांच विधानसभा सीटों पर 2017 में चार सीटों पर यहां से समाजवादी पार्टी जीती और एक पर बीजेपी को जीत मिली थी.
2- एटा
गत लोकसभा चुनाव में एटा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया को जीत मिली थी. समाजवादी दूसरे और बसपा तीसरे स्थान पर रही. एटा संसदीय सीट की 5 विधानसभा हैं. यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी.
3- बदायूं
लोकसभा चुनाव में बदायूं से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी व अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को जीत मिली थी. धर्मेंद्र यादव को 2014 के चुनाव में 4,98,378 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि बीजेपी के वागीश पाठक को 3,32,031 मत प्राप्त हुए. बसपा यहां तीसरे नंबर पर रही. बदायूं संसदीय सीट की विधानसभा सीटों की बात करें, तो पांच सीटों में से चार पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी जबकि एक से समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी,
4- फिरोजाबाद
फिरोजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अक्षय यादव जीते थे. इन्हें 5,34,583 मत प्राप्त हुए थे. बीजेपी के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को 4,20,524 मत प्राप्त हुए थे. तीसरे नंबर पर यहां बसपा रही और चौथे नंबर पर कांग्रेस. जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिरोजाबाद की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर जीत दर्ज की थी. टूंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद सीट पर कमल खिला था तो सिरसागंज में सपा को जीत मिली थी.
5- आंवला, संसदीय क्षेत्र
आवंला संसदीय क्षेत्र से 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के धर्मेंद्र कुमार को जीत मिली थी. उन्हें 4,09,907 वोट प्राप्त हुए थे. जबकि समाजवादी पार्टी के कुंवर सर्वराज सिंह को 2,71,478 को मत प्राप्त हुए. बसपा यहां तीसरे नंबर पर रही और कांग्रेस चौथे पर. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी पांच विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी.
6- पीलीभीत
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी को जीत मिली थी. मेनका गांधी को 2014 के चुनाव में 5,46,934 मत प्राप्त हुए थे, जबकि सपा प्रत्याशी बुद्धसेन वर्मा को 2,39,882 मत प्राप्त हुए. बसपा के अनीस अहमद खान तीसरे नंबर पर तो कांग्रेस के संजय कपूर चौथे स्थान पर रहे. 2017 के विधानसभा चुनाव में पीलीभीत संसदीय क्षेत्र की सभी 5 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी.
7- मुरादाबाद, संसदीय क्षेत्र
पिछले लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद सीट से भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को जीत मिली थी. इस सीट पर तीसरे नंबर पर बसपा रही और चौथे पर यहां से कांग्रेस. 2017 के विधानसभा चुनाव में मुरादाबाद संसदीय सीट की पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर बीजेपी ने जीत दर्ज की और दो पर सपा के प्रत्याशियों को जीत मिली थी.
8- रामपुर, संसदीय क्षेत्र
रामपुर संसदीय सीट पर 2014 में भाजपा के नेपाल सिंह को जीत मिली थी. उन्हें 3,58,616 मत प्राप्त हुए थे. जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नसीर अहमद खान को 3,35,181 मत प्राप्त हुए. कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर रही और बसपा चौथे पायदान पर रही. 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से दो पर बीजेपी को जीत मिली थी और तीन पर सपा के प्रत्याशी जीते थे.
9- संभल, लोकसभा क्षेत्र
संभल संसदीय क्षेत्र में 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सत्यपाल सिंह को जीत मिली थी. उन्हें 3,60,242 मत प्राप्त हुए थे. जबकि समाजवादी पार्टी के डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क को 3,55,068 मत प्राप्त हुए थे. इस सीट पर बसपा तीसरे स्थान पर रही तो कांग्रेस को चौथा स्थान प्राप्त हुआ. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को यहां केवल एक सीट मिली. जबकि समाजवादी पार्टी के खाते में चार सीटें गईं थी.
10- बरेली, संसदीय क्षेत्र
पिछले लोकसभा चुनाव में बरेली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता संतोष कुमार गंगवार को जीत मिली थी. बीजेपी को यहां 5,18,258 मत प्राप्त हुए थे. दूसरे स्थान पर सपा की आइसा इस्लाम रहीं, जिन्हें 2,77,573 मत प्राप्त हुए. तीसरे स्थान पर बसपा और चौथे पर कांग्रेस रही. 2017 के विधानसभा चुनाव में बरेली संसदीय सीट की पांच विधानसभाओं में से सभी पर बीजेपी को जीत मिली थी.