लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव ने पार्टी प्रवक्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण विषय पर बातचीत की. धर्म और विवादित विषयों से अखिलेश यादव ने पार्टी प्रवक्ताओं को दूर ही रहने की हिदायत दी है और कहा कि हमें सिर्फ पिछड़े, दलित अल्पसंख्यक और जनहित से जुड़े विषयों पर फोकस करना है, जबकि भारतीय जनता पार्टी धर्म और संप्रदाय की राजनीति करके 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा बदलना चाहती है. समाजवादी पार्टी जनता से जुड़े विषयों और विकास के लिए मुद्दे को लेकर जनता के बीच आने का काम करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी प्रवक्ताओं को 2024 के चुनाव में जनता से जुड़े हर एक विषय पर सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करते हुए जनता के बीच आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 'हमें हर स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार को मुंहतोड़ जवाब देना है, जहां जनता की समस्याओं के निस्तारण में सरकार लापरवाही कर रही है, उसे दूर कराने का समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता अभियान चलाकर काम करे. धर्म, संप्रदाय और विवादित विषयों से पार्टी प्रवक्ताओं को पूरी तरह से दूर रहना है. ऐसे विषयों पर बयान बाजी बिल्कुल भी नहीं करनी है. भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि ऐसे विषयों पर बयानबाजी हो और इसका बीजेपी को फायदा मिले. पिछड़े दलित समाज की बेहतरी को लेकर ही काम करना है और इन्हीं मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाना है.'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रवक्ताओं की बैठक में कहा कि 'प्रदेश में भाजपा ने बुलडोजर से जंगलराज कायम कर दिया है. किसान तबाह है. कानून व्यवस्था चौपट है. महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बड़े मुद्दे हैं. जनता को भाजपा सरकार की विफलताओं के बारे में बताना है. समाजवादी सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक फिर एक बार पहुंचाना जरूरी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी 80 सीटों पर पराजित करना है. उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति समाज में नफरत फैलाती है. महिलाओं का उत्पीड़न, हिरासत में मौतें भाजपा सरकार के माथे पर कलंक है. वह अपराधिक व्यवस्था को ताकत देती है. भाजपा शासनकाल में शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाएं बर्बाद हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा भावनाओं के साथ खिलवाड़ करती रहती है. भाजपा रचनात्मक भूमिका अपनाने में असमर्थ है.'