लखीमपुर खीरीः लखीमपुर खीरी जिले में शुक्रवार सुबह बाघ ने एक किसान को मार दिया तो दोपहर होते-होते दुधवा टाइगर रिजर्व से खबर आई कि जंगल के कोर जोन में एक बाघ का शव पानी में उतराता मिला है. दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंक्चुरी के मैलानी रेंज के कोर एरिया में बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाघ की मौत को संज्ञान में लेकर वन मंत्री को जांच के लिए दुधवा भेजा है.
दुधवा टाइगर रिजर्व और आसपास के इलाके में पिछले एक महीने में ये पांचवी बाघ की मौत है. इसके पहले एक और तेंदुए की मौत हो गई थी. लगातार हो रही बाघ परिवार की मौतों से वन विभाग और दुधवा टाइगर रिजर्व के सुरक्षा इंतजामो पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वन विभाग के अधिकारी इस बाघ की मौत को भी इंफाइटिंग बता रहे हैं. पर, सवाल यह पैदा हो रहा है कि लगातार बाघ और तेंदुओं की मौत क्यों हो रही है?
5 जून यानी सोमवार की सुबह-सुबह खबर आई कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला रेंज के गदियाना गांव में गन्ने के खेत में एक तेंदुए का शव पड़ा है. तेंदुए की मौत की खबर पर आसपास के गांव वाले भारी संख्या में देखने को उमड़ पड़े. वन विभाग को भी खबर की गई. वन विभाग ने तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी. वहीं, शुक्रवार को फिर मैलानी रेंज के कोर जोन में बाघ का शव एक तालाब में उतराता मिला है.
सूत्रों के मुताबिक, बाघ के सिर और शरीर पर पंजो के निशान हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन टाइगर के शव का परीक्षण करा रहा हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर डिप्टी डायरेक्टर रंगाराजू टी. मौके पर पहुंचकर स्थलीय परीक्षण कर रहे हैं. बाघ की उम्र और मौत के कारणों का पता लगाने को पोस्टमार्टम की तैयारी भी की जा रही.
लखीमपुर खीरी में महीने भर में ये पांचवी मौत
लगातार वन्यजीवों की मौत से उनके सुरक्षा पर खड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व, बफर जोन और दक्षिण खीरी प्रभाव और बफर जोन को मिलाया जाए तो तीनों में ही पिछले 20 दिनों के अंतराल में ही तीन बाघों और दो तेंदुओं की मौत हो चुकी है. दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन में 21 अप्रैल को एक बाघ की मौत हुई. इसके बाद 31 मई को ही बफर जोन के निघासन रेंज में एक बाघ की मौत की खबर आई. इसके तीन दिन बाद ही मैलानी रेंज के रामपुर धखैया गांव में एक बाघिन की मौत हो गई. इसके बाद तीन दिन ही बीते थे दक्षिण खीरी वन प्रभाग में एक तेंदुए का शव मिल गया. वहीं इस मामले में डीएफओ संजय बिस्वाल का कहना है तेंदुआ मेल है. उम्र करीब तीन साल है. पोस्टमार्टम से मौत की वजह पता चलेगी.
भूख से हुई बाघिन की मौत या कोई और वजह
रामपुर धखैया गांव में शुक्रवार रात को जंगल से निकलकर गांव में घुसी बाघिन की मौत की आधिकारिक रिपोर्ट आईवीआरआई बरेली से नहीं मिली है. पर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि बाघिन का पेट खाली था तो क्या बाघिन को जंगल में भोजन नहीं मिल रहा था? इसीलिए बाघिन गांव में शिकार की तलाश में घुस आई. इसके बाद बाघिन ने वन विभाग की जीप पर हमला भी कर दिया. इसके बाद बाघिन झाड़ियों में गई, जहां सुबह बाघिन शव मिला. ये बाघिन भी दो साल की थी. बताया जा रहा कि बाघिन के कैनाइन टूटे थे, पंजे भी घिसे. पर, जंगल में ये कैसे हो गया. इन सब सवालों पर दुधवा टाइगर प्रशाशन मनन कर रहा है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर ने कहा कि जंगल में गश्त और बाघों और वन्यजीवों की एक्टिविटी पर भी नजर रखने को फील्ड स्टाफ को सचेत किया है.
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