लखीमपुर खीरीः कृषि अध्यादेश के खिलाफ शुक्रवार को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में भी कई जगह प्रदर्शन हुए. किसान संगठनों के भारत बंद को तो बड़ा समर्थन नहीं मिला, लेकिन किसानों ने जिले के अलग-अलग जगहों पर पंजाब की तर्ज पर ट्रैक्टर रैली निकाली और जाम लगाया. इस दौरान पुलिस से किसानों की कई जगह तकरार भी हुई. ईटीवी भारत ने प्रदर्शनकारी किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि जब बिल दोनों सदनों में पास हो गया तब भी किसान का धान 900 रुपये में बिक रहा है, तो कैसे हम अध्यादेश पर भरोसा कर लें?
कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन.
पलिया में ट्रैक्टर रैली
किसानों ने पलिया में पंजाब की तर्ज पर ट्रैक्टर रैली निकाली और कृषि अध्यादेशों का विरोध किया. मिर्चिया गांव के किसान चरनजीत सिंह ने कहा कि हम 100 से ज्यादा ट्रैक्टर लेकर संपूर्णानगर इलाके से पलिया जा रहे हैं. तहसील मुख्यालय पर हम सब किसान इस काले अध्यादेश का विरोध करेंगे. चरनजीत सिंह ने कहा कि पंजाब हरियाणा के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हम अध्यादेश का विरोध करेंगे.
भाकपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी कर रही विरोध
कृषि अध्यादेश का विरोध भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी जमकर कर रहे हैं. किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विपक्षी दलों ने आज किसान विरोध प्रदर्शन में उनका साथ दिया. भाकपा माले की राष्ट्र्रीय कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा अधिकारी ने मार्च निकालकर मोदी सरकार को पूंजीपतियों की सरकार कहा और कहा कि इन काले कानूनों को सरकार वापस ले. ये कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे.
समाजवादी पार्टी ने भी कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. कृषि बिल को काला बिल और अध्यादेश बताया और वापस लेने की मांग की. वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल ने किसानों के मंच को साझा किया और कहा कि कांग्रेस किसानों को बर्बाद नहीं होने देगी. किसानों के समर्थन में वे एमएसपी गारंटी की मांग करते हैं और बिल वापस लेने की मांग करते हैं.
जिले के मैगलगंज में किसान नेता श्यामू शुक्ला के नेतृत्व में मैगलगंज चौराहा और हाई-वे को जाम कर बिल वापसी की मांग की गई. किसानों ने एक स्वर से एमएसपी की गारंटी देने की सरकार से मांग की. विलोबी मैदान में प्रदर्शन करने आए किसानों को पुलिस प्रसाशन ने बाहर नहीं जाने दिया तो हल्की तकरार हुई. पुलिस ने किसानों के सामने महिला पुलिस की एक दीवार बना दी, जिसे गुस्से के बाद भी किसान लांघ नहीं पाए, लेकिन कुछ युवा दीवारें फांदकर बाहर निकल आए और अम्बेडकर चौक पर जाम लगा दिया. किसान बार-बार पुलिस वालों से कहते रहे कि आप भी तो किसान के बेटे-बेटी हो. हमें बाहर जाने से क्यों रोक रहे. किसान बोले 900 में बिक रहा धान सरकार आकर देखे.