कुशीनगर: जिले में जमीनी विवादों को निपटाने में राजस्व विभाग की देरी और लापरवाही उजागर हुई है. कुशीनगर पड़रौना तहसील के चकचिंतामणि गांव के दो लोगों ने जिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर राजस्व विभाग और पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इसके साथ ही न्याय न दिए जाने को लेकर आज आत्मदाह करने की भी चेतावनी दी है. अलर्ट हुई पुलिस और प्रशासन पीड़ितों की तलाश में जुट गई है.
मिली जानकारी के अनुसार रामकोला थाना चकचिंतामणि गांव के रहनेवाले पुरुषोत्तम दुबे ने जिलाधिकारी को रजिस्टर्ड डाक द्वारा लिखित शिकायत दी है. पुश्तैनी जमीन विवाद को पूर्व में हल कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने और फिर न्याय न मिलने के बाद आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.
राजस्व विभाग की लापरवाही: जमीनी विवाद सुलझाने के लिए दो लाख रुपये की मांग का आरोप - etv bharat up news
जिले में जमीनी विवादों को निपटाने में राजस्व विभाग की देरी और लापरवाही का मामला आया सामने. रामकोला थाना चकचिंतामणि गांव के पुरुषोत्तम दुबे ने डीएम को रजिस्टर्ड डाक द्वारा दी लिखित शिकायत. न्याय की जगह लेखपाल पर 2 लाख रुपये की मांग का आरोप.
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एडीएम पड़रौना ने न्याय का आश्वशन देते हुए तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल के साथ थानाध्यक्ष को जिम्मेदारी दी है. पुरुषोत्तम का आरोप है कि न्याय की जगह लेखपाल ने 2 लाख रुपये मांगा है. जिसमें एसडीएम को 1 लाख, सीओ और एसएचओ को 50-50 हजार दिए जाने की मांग हुई. आरोप पत्र में यह भी जिक्र किया गया कि बिना पैसों के तुम्हारी कोई नहीं सुनेगा, चाहे तुम आत्मदाह करो या मर जाओ. इसके बाद पीड़ित ने 20 जनवरी को आत्मदाह की चेतावनी दी है. जिसके पत्र पर एसडीएम ने जिम्मेदारों को मामला हल कराने का आदेश दिया है.
पुरुषोत्तम के भाई सुरेन्द्र ने भी जिलाधिकारी को पत्र के द्वारा परिवार समेत अनशन पर बैठने के बाद आश्वासन और कोई कार्रवाई न होने के बाद आत्मदाह की चेतावनी दी है. पीड़ित पुरुषोत्तम से बात करने पर उन्होंने बताया कि मैं और सुरेंद्र दोनों साथ हैं और हम लोग आज आत्मदाह करेंगे. जिसके जिम्मेदार पड़रौना एसडीएम, सीओ खड्डा के साथ भ्रष्ट सिस्टम होगा.
एसडीएम पड़रौना ने बताया कि तीन भाईओं की विवाद का मामला है. बंटवारे और मुआवजे को लेकर तीन भाईयों में विवाद प्रकरण को विस्तार से समझा हूं. आज तीनों भाईयों के साथ एसएचओ रामकोला को तहसील कार्यालय बुलाया गया है. आज कोशिश रहेगी कि मामले का पूर्णतया निस्तारण हो सके. पैसे की मांग का आरोप जो लगाया गया है, वह पूरी तरह से निराधार हैं. चुनावी व्यस्तता के कारण देरी हुई है न कि किसी और बात की वजह से.
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