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कौशांबी से राजा भैया ने फूंका चुनावी बिगुल, पूर्व सांसद को बनाया जनसत्ता दल का उम्मीदवार

जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया ने लोकसभा चुनाव से पूर्व कौशांबी जिले के डायट मैदान में विशाल जनसभा आयोजित की. इस दौरान राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद शैलेंद्र सिंह को जनसत्ता दल का उम्मीदवार घोषित किया.

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Published : Feb 25, 2019, 10:25 PM IST

राजा भैया को मुकुट पहनाकर स्वागत करते पार्टी के पदाधिकारी.

कौशांबी:जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने लोकसभा चुनाव से पूर्व मंझनपुर के डायट मैदान में विशाल जनसभाआयोजित की. जनसभा को संबोधित करते हुए राजा भैया नेकौशांबी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद शैलेंद्रसिंह को जनसत्ता दल काउम्मीदवार घोषित किया. इस दौरान राजा भैया ने जनता से पूर्वसांसद की गलतियों को माफ कर लोकसभा भेजने की अपील की.

मंझनपुर के डायट मैदान में आयोजित जनसभा में जनसत्ता दल प्रमुख राजा भैया नेजन समूह के बीच रामायण के दोहों का प्रयोग कर राजनीति के बदलते दौर को भी बखूबी बताया. वहीं जनसत्ता दल के मंच से राजा भैया नेअपनी पार्टी के नेताओं को संदेश दिया कि जितना विनम्न और सुलभ वह चुनाव के समय होते हैं. उतना हीचुनाव जीतने के बाद होना चाहिए.

राजा भैया को मुकुट पहनाकर स्वागत करते पार्टी के पदाधिकारी.

शहीद के परिजनों को मिले एक करोड़ का आर्थिक मदद

पुलवामा हमले को लेकर मंच से बोलते हुए राजा भैया ने कहा किहमारे देश में सैनिक शहीद हो रहे हैं. राजा भैया ने कहा किकारगिल में युद्ध एक नियत समय के लिए लड़ा गया था. युद्ध में जो जवान शहीद हुए थे सरकार ने उनके परिवारों को कई तरह से सहायता दी थी, लेकिन कारगिल के बाद भीसैनिकों की शहादत का सिलसिला नहीं रुकाहै. इसमें चाहे वह सेना,अर्ध सैनिक बल, पुलिस या फिर पीएसी केजवान ही क्यों न हों. इन सब की शहादत का सम्मान करते हुए शहीद के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद मिलनी चाहिए.

पार्टी के एजेंडे और विचारधारा से कोई समझौता नहीं

राज भैया ने कहा कि सीमा पर जो भी जवान शहीद होता है उसकी उम्र ही क्या होती है ? उन शहीद जवानों के छोटे-छोटे बच्चे होते हैं. उन सभी के लालन-पालन की व्यवस्था सरकार को एक अभिभावक के रूप में करनी चाहिए. वहीं मीडिया से बात करते हुए राजा भैया ने कहा कि वह पार्टी के एजेंडे और विचारधारा से कोई समझौता नहीं करने वाले हैं. जो भी उनके एजेंडे और विचारधारा की बात करेगा उस दल का वह स्वागत करेंगे.किसी भी दल से गठबंधन की बात तभी संभव हो होगी, जब उनकी विचारधारा का वह समर्थन करेंगे.

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