कौशांबी: जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद उठापटक का दौर शुरू हो गया है. मंगलवार को 12 से अधिक सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपना नोटिस प्रस्तुत किया. वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष ने हस्ताक्षर फर्जी होने की बात करते हुए डीएम के सामने आपत्ति लगाई है. इस पर डीएम ने दोनो पक्षों को अपने सदस्यों के साथ 22 अगस्त को सीडीओ के सामने हस्ताक्षर मिलान के लिए प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है.
कौशांबी जिले में 4 जुलाई 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कल्पना सोनकर और सपा से विजमा दिवाकर ने चुनाव लड़ा. यहां भाजपा को 14 और सपा को 12 वोट मिले. भाजपा प्रत्याशी कल्पना सोनकर सपा की विजमा देवी को दो मतों से हराकर जिला पंचायत की मुखिया बनी थीं. जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ वैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की कवायद शुरू हो गयी. पहले जिला पंचायत सदस्यों ने होटल में गुपचुप तरीके से तीन मीटिंग की.
इसके बाद सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाली विजमा दिवाकर ने सपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. 8 अगस्त को विजमा दिवाकर 12 से अधिक सदस्यों को लेकर मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचीं. यहां, डीएम सुजीत कुमार ने नोटिस पंचायत निवामवाली के मुताबिक नही होने की बात कहकर दुबारा पत्र प्रस्तुत करने की बात कही थी. इसके लिए 16 अगस्त का वक्त दिया गया था.