कौशांबीः जिले में आवारा पशुओं के संरक्षण के लिए 63 गोशालाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके बावजूद कड़ाके की ठंड में मवेशी सड़क और खेतों में घूम रहे हैं. कड़ाके की ठंड में मवेशी तो परेशान हैं ही साथ में किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आवारा मवेशियों के संरक्षण के लिए जिले में 20 गोशालाओं का निर्माण काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन अभी पूरा नही हो सका है. जिसकी वजह से झुंड में आवारा पशु खेतों में पहुंचकर फसल नष्ट कर रहे हैं.
सरकार से निर्देश मिलने के बाद बेसहारा मवेशियों को बचाने के लिये जिले के सभी नगर पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला बनाये जाने का फैसला लिया था. अब तक जनपद में 63 गोशालाओं का निर्माण कर 7000 मवेशियों का संरक्षण किया जा रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक जनपद में 6800 मवेशी अभी भी संरक्षण से वंचित हैं. ये मवेशी आम लोगों के साथ किसानों के लिए मुसीबत बन रहे हैं. किसानों की फसल आवारा मवेशी चट कर रहे हैं. झुंड में मवेशी जिस खेत से गुजर जाते हैं, उसकी फसल बर्बाद हो जाती है.
डेढ़ साल बाद भी नहीं बने 20 गोशाला
प्रशासन ने किसानों की मांग पर 5 स्थाई और 15 अस्थाई गौशाला का निर्माण डेढ़ साल पहले शुरू किया था, जो आज तक पूरा नही हो सका हैं. जिसकी वजह से मवेशी खुले में घूम रहे हैं. कड़ी मेहनत के बाद भी किसान अपनी फसल नहीं बचा पा रहे हैं. शिकायत के बाद भी समस्य का निराकरण नही हो पा रहा है.
गोवंशों की हालात खराब
अधूरे पड़े गोशालाओं के चलते खुले में घूम रहे मवेशियों का ध्यान कोई नहीं रख रहा है. नगर पालिकाओं में सड़क पर घूमने वाले मवेशियों के लिये न तो काऊ कोट हैं, न ही भोजन की ठीक से व्यवस्था. ये मवेशी कूड़े की ढेर से अपना पेट भरते हैं. वहीं गांवों में मवेशी किसान की फसल खा कर अपना पेट भरते हैं.
पंचायत भवन में पशुओं को किया बंद
हाजीपुर पतौना गांव के किसान आवारा गोवंश से काफी परेशान हैं. ग्रामीणों ने गांव के आसपास घूम रहे 25 से 30 गोवंशो को पंचायत भवन में बंद कर रखा है. इसके पहले भी कई किसान सैकड़ों आवारा गोवंश को लेकर सिराथू ब्लॉक परिषद ने बंद कर दिया था. जिसके बाद बीडीओ ने उन्हें समझा कर वपास भेज दिया था.