कौशाम्बी:सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों को मिड डे मील में थाली की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण दर्जनों बच्चों के बीच दो बच्चे पत्तों पर खाने को मजबूर हैं. सच सामने आने के बाद विद्यालय के हेड मास्टर से लेकर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने बचाव में सफाई देते फिर रहे हैं.
प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को पत्तों पर परोसा जा रहा है मिड-डे मील
कौशाम्बी: प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील का भोजन पत्तों पर परोसा जाता है, मास्टर साहब का कहना है कि जो बच्चे अपने घर से प्लेट लेकर नहीं आते उनको पत्तों पर खाना दिया जाता है. सच सामने आने के बाद सभी अपने बचाव में सफाई देते फिर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला:
- सिराथू विकासखंड के जगन्नाथपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की है.
- मिड-डे मील का भोजन करने के लिए कतार में बैठे सभी बच्चे एक जैसे दिखाई दे रहे थे.
- बैठे बच्चो में एक छात्रा व एक छात्र बिल्कुल अलग नजर आ रहे थे.
- इनके खाने की प्लेट की जगह पत्ता नजर आ रहा था,दोनों बच्चे पत्ते में ही तहरी खा रहे थे.
- जब बच्चों से प्लेट के बात पूछा तो उन्होंने बताया कि स्कूल में उन्हें प्लेट नहीं दी गई.
- वहीं विद्यालय के हेड मास्टर का कहना है कि शासन की तरफ से जितनी प्लेट की व्यवस्था की गई है.उतने ही वितरित करते हैं.
- बाकी बच्चे अपने घर से थालिया लेकर आते हैं. जो बच्चे पत्तों पर खाना खाया है, प्लेट लेकर नहीं आए थे.
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या का 60 फीसदी प्लेट व थाली उपलब्ध कराई जाती है. फिलहाल बीएसए साहब पूरे मामले की जांच करने के बाद दोषी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की बात जरूर करते हैं. यहां यह बता देना जरूरी है कि बीएसए साहब दावा करते हैं कि 60 फ़ीसदी छात्र-छात्राओं को थाली व प्लेट उपलब्ध कराने की व्यवस्था है, जबकि शासन ने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सख्ती बरतते हुए 75 फ़ीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर रखा है. ऐसे में यह साफ है कि बेसिक शिक्षा विभाग दोहरी नीति अपना रहा है.
अरविंद कुमार,बेसिक शिक्षा अधिकारी