कासगंजःयूपी के कासगंज में सिपाही हत्याकांड के बाद भले ही पुलिस और प्रशासन सख्त नजर आ रहा हो, लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रशासन को जिले में कई अवैध धंधों पर लगाम लगाने की जरूरत है. जिनमें कच्ची शराब का कारोबार, सट्टा और अवैध बालू खनन विशेष हैं. नगला धीमर गांव की स्थिति भी कुछ ऐसी है. ईटीवी भारत ने आज गांव के उस पहलू को आप तक पहुंचाने की कोशिश की है जो अभी तक किसी को नहीं पता.
यूं तो पूरे कासगंज जनपद में जुआ, सट्टा, कच्ची शराब, अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर है. कासगंज के कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकतीं हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे उस जगह की जहां कच्ची शराब के कारोबारियों ने खाकी को न सिर्फ लहूलुहान किया बल्कि उसका खून भी कर दिया. इस इस घटना की जड़ बनी नगला धीमर में धधक रहीं अवैध कच्ची शराब की भट्ठियां.
कासगंज: कच्ची शराब के साथ ही अवैध खनन भी बन सकता है दुर्घटना की वजह
कासगंज जनपद में जुआ, सट्टा, कच्ची शराब, अवैध बालू खनन का कारोबार जोरों पर है. कासगंज के कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में अवैध शराब की भट्ठियां धधकतीं हैं. जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही की जान ले ली. वहीं काली नदी में अवैध रूप से चल रहा अवैध बालू खनन भी इस तरह की दुर्घटनाओं की वजह बन सकता है.
बात तब और बड़ी हो जाती है जब नदी के एक किनारे पर अवैध बालू खनन का धंधा और दूसरे किनारे पर अवैध कच्ची शराब का कारोबार फलफूल रहा हो और दोनों तरफ यह गोरखधंधा पुलिस और प्रशासन की मेहरबानी से चल रहा हो. क्योंकि इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, बल्कि इन धंधेबाजों की सरपस्ती की गई. इसी की परिणीति है कि एक सिपाही की हत्या. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिले के आला अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए इस तरह के गोरखधंधों को जड़ से खत्म करना होगा.