कानपुर:जिले के स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह में 57 संवासिनियां कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. वहीं 7 बालिकाओं के गर्भवती पाए जाने का मामला भी सामने आया है. कानपुर के संवासिनी गृह पर हमेशा से गंभीर सवाल उठते रहे हैं. संवासिनी गृह में महिलाओं के गर्भवती होने के मामले में जब विपक्ष ने हल्ला मचाया तो प्रशासन के आलाधिकारियों ने बयान जारी करते हुए कहा कि बालिकाएं संवासिनी गृह में लाए जाने के समय से ही गर्भवती थीं.
हैरान करने वाली बात यह है कि कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी भले ही दावा कर रहे हों कि शेल्टर होम में आने से पहले ही 7 संवासिनी गर्भवती थीं, लेकिन संक्रमित लड़कियों के बैक हिस्ट्री के दस्तावेज, जो कि शेल्टर होम के रिकॉर्ड रूम में है, उसे वे सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं. इसके चलते उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि इस संरक्षण गृह में कुल 57 संवासिनियां कोरोना पॉजिटिव पाई गईं. कुल संरक्षित बालिकाओं में 07 बालिकाएं गर्भवती पाई गईं, जिसमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं. शेष दो कोरोना निगेटिव पाई गईं हैं. पांचों कोरोना पॉजिटिव क्रमशः जनपद आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के पश्चात यहां रह रही थीं. उन्होंने कहा कि सातों बालिकाएं प्रवेश के समय से ही गर्भवती थीं. उन्होंने बताया कि दो बलिकाओं का हैलट में, जबकि तीन का रामा मेडिकल कॉलेज में कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार इलाज कराया जा रहा है.
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने दी सफाई
ईटीवी भारत से बातचीत में राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने बताया कि पूरे मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. साथ ही उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बालिका गृह में काफी बच्चियां पॉक्सो एक्ट के तहत आती हैं. उन्होंने शेल्टर होम को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने की बात कही है.