कानपुर: योगी सरकार पुलिस की छवि सुधारने की भले ही लाख कोशिश कर ले, लेकिन पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र का है. यहां की रहने वाली युवती को जान से मारने की धमकी दी जा रही है, लेकिन पुलिस न तो उसका मुकदमा दर्ज कर रही है और न ही कोई कार्रवाई. पुलिस की इस कार्यप्रणाली से आजिज आकर युवती न्याय पाने के लिए माननीय न्यायालय की शरण में पहुंच गई है.
पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता पहुंची न्यायालय. कानपुर में लड़कियों से संबधित कई मामले ऐसे हुए, जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया, जिसके चलते उनको आत्महत्या करनी पड़ी. इन घटनाओं से पुलिस की काफी किरकिरी हुई. बावजूद इसके पुलिस ने अपना रवैया नहीं बदला.
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क्या है पूरा मामला
- नवाबगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता एक होटल के सैलून में बतौर मैनेजर काम कर रही थी.
- पीड़िता ने जब मैनेजर की पोस्ट ज्वॉइन की, तब से सैलून के मालिक नितिन मिश्रा शारीरिक सम्बन्ध बनाने का दबाव डालने लगे.
- एक दिन पीड़िता को अकेले पाकर सैलून मालिक ने उससे जबरदस्ती की.
- पीड़िता ने जब मना किया तो सैलून मालिक ने उसके ऊपर उल्टा चोरी का इल्जाम लगाने की धमकी दी.
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इसके बाद पीड़िता ने मैनेजर की नौकरी छोड़ दी और सैलून मालिक के खिलाफ पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद सैलून मालिक पीड़िता के वाट्सऐप पर भद्दे-भद्दे कमेंट करने लगा, जिससे आजिज आकर उसने एक बार फिर पुलिस में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मजबूरी में उसे न्यायालय की शरण में जाना पड़ा.
पीड़िता के वकील ने न्यायालय के समक्ष सभी साक्ष्य प्रस्तुत कर परिवाद दाखिल किया. महानगर मजिस्ट्रेट दशम ने परिवाद को स्वीकार करते हुए 9 सितम्बर को सुनवाई की तारीख तय की है.