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पार्कों में लौटने लगी रौनक, मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज करने के लिए लोगों का आना हुआ शुरू

कोरोनावायरस के चलते पूरे देश में तीन महीने का लॉकडाऊन लागू किया गया था, जिसके कारण न तो मंदिर खुले, न तो पार्क और न ही स्कूल कॉलेज. महीनों घरों में रहने से लोगों की जिंदगी के साथ ही उनकी दिनचर्या में भी काफी परिवर्तन आया. पार्क, मार्केट, मॉल और मनोरंजन के सभी साधन बंद होने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत रोज मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को हुई. मगर अब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. पार्क भी खोल दिए गए हैं लोगों का पार्को में आना शुरू हो गया है. जिससे पार्कों की खोई रौनक फिर से लौट आई है.

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पार्कों में लौटने लगी रौनक

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Published : Oct 4, 2020, 11:07 PM IST

कानपुर: कोरोनावायरस के चलते पूरे देश में तीन महीने का लॉकडाऊन लागू किया गया था, जिसके कारण न तो मंदिर खुले, न तो पार्क और न ही स्कूल कॉलेज. महीनों घरों में रहने से लोगों की जिंदगी के साथ ही उनकी दिनचर्या में भी काफी परिवर्तन आया. पार्क, मार्केट, मॉल और मनोरंजन के सभी साधन बंद होने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत रोज मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को हुई. जो लोग सुबह-सुबह पार्कों में जाकर टहलते थे. उन लोगों की तो कोरोना ने दिनचर्या ही बदल कर रख दी. लोग अपने घरों में कैद हो गए. मगर लोगों ने इस बंद को स्वीकार किया, सरकारी कोविड गाईडलाइन को ही मान कर घरों में ही एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया. मगर अब सरकार लगातार कोविड गाईडलाइन में बदलाव ला रहा है और ढील भी दे रहा है. धीरे-धीरे जब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. पार्क भी खोल दिए गए हैं लोगों का पार्को में आना शुरू हो गया है. जिससे पार्कों की खोई रौनक फिर से लौट आई है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

कानपुर महानगर के संजय वन में रोजाना मॉर्निंग वॉक के लिए हजारों लोग आते हैं. अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही संजय वन खुल गया. वहां अब मॉर्निंग वॉकरो का आना जाना शुरू हो गया है. सुबह से ही पार्क में रौनक देखने को मिलती है. लोगों ने अपनी लाइफ स्टाइल में फिर से मॉर्निंग वॉक को अहम हिस्सा बना लिया है.

पार्क में आए तमाम लोगों से ईटीवी भारत ने बात की तो लोगों ने बताया कि उन्होंने बताया कि इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा उन्होंने अपनी वॉक को मिस किया. किदवई नगर के रहने वाले आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि वह कई सालों से यहां आते रहे हैं, लेकिन 3 महीने की बंदी में उन्होंने अपनी मॉर्निंग वॉक को बहुत मिस किया.

संजय वन में रोजाना आने वालों में एडवोकेट अमित जैन भी थे मगर इस बंदी में वो भी यहां नहीं आ पाए. उन्हे मॉर्निंग वॉक की कितनी कमी खली इसको पूछने पर उन्होंने बताया कि संजय बन बहुत मिस कर रहे थे.साथ ही रोजाना मिलने वालों को भी काफी मिस किया.

मॉर्निंग वॉक के शौकीन मोहम्मद आलम ने बताया कि उनके दिन की शुरुआत संजय वन से ही होती थी. उन्होंने कहा कि वैसे तो हम लोग दिनभर अपने घर, परिवार और ऑफिस को समय देते हैं लेकिन जो सुबह का वक्त संजय वन में मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज कर गुजारते थे.

इन मॉर्निंग वॉकरों का भले ही पार्कों में आना शुरु हो चुका हो मगर खतरा अभी टला नहीं हैं. इस महामारी को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. इस मुद्दे को लेकर हम डॉ. आरके मिश्रा के पास पहुंचे. तो उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि अभी भी कोरोना को नजरअंदाज नहीं करना है. सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं.

भले ही पार्कों की खोई रौनक फिर से लौट रही हो. भले ही अनलॉक की प्रक्रिया जारी हो मगर हमे अभी भी कोरोना को नजरअंदाज नहीं करना है. सरकारी गाईडलाईन के साथ ही उचित दूरी. समय समय पर हाथों को धुलना और मास्क के प्रयोग को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा.

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