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शीतल जल के साथ पानी को आरओ जितना शुद्ध करेगा 'ऑर्गेनिक घड़ा'

कहा जाता है कि जल ही जीवन है... लेकिन इसी जल में जब हानिकारक तत्व मिल जाएं तो यह पीने योग्य नहीं रहता और इससे कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर में एचबीटीयू के प्रोफेसर ने लोगों को बीमारी से बचाने के लिए एक ऑर्गेनिक घड़े का निर्माण किया है. इस घड़े की विशेषता यह है कि इसकी कीमत बहुत कम है और इसमें पानी की गुणवत्ता भी बनी रहती है. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

kanpur organic pitcher special story
ऑर्गेनिक घड़ा स्पेशल स्टोरी.

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Published : Jun 20, 2020, 10:51 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 11:03 PM IST

कानपुर:आरओ और फिल्टर से पानी पीते वक्त हर किसी को उसकी गुणवत्ता की फिक्र सताती है, लेकिन अब पानी की गुणवत्ता और शुद्धता की चिंता छोड़ दीजिए और सुराही में पानी रखिए, जिससे 6 से 8 घंटे के बाद पानी के हानिकारक तत्व नष्ट हो जाएंगे और आप बेफिक्र यह पानी पी सकते हैं. पानी को मिट्टी के जरिए शुद्ध करने का रास्ता निकाला है- एचबीटीयू के प्रोफेसर एसके गुप्ता ने. उन्होंने पीपल, आम और बबूल की छाल व सूखी पत्तियों से बनाए एक्टीवेटेड कार्बन को मिट्टी में मिलाकर सुराही तैयार की है.

स्पेशल रिपोर्ट...

ऑर्गेनिक चारकोल से बना अनोखा घड़ा
कानपुर के हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) की केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. एसके गुप्ता ने ऑर्गेनिक चारकोल की मदद से एक अनोखे घड़े का निर्माण किया है, जो पानी में मिली अशुद्धियों को दूर करेगा और बिल्कुल ब्रांडेड आरओ की तर्ज पर काम करेगा. यानी जो लोग आर्थिक स्थिति के चलते आरओ नहीं ले सकते हैं, वे भी इस ऑर्गेनिक घड़े का इस्तेमाल कर पानी को फिल्टर कर शुद्ध और शीतल जल पा सकते हैं.

दूषित जल पीने से लोग हो रहे बीमार
उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर यानी औद्योगिक नगरी कानपुर में सैकड़ों की तादाद में ऐसी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनसे निकलने वाला वेस्टेज जल को प्रदूषित करता है. यहां के पानी में सल्फर, फ्लोराइड और क्रोमियम जैसी अशुद्धियां मिल जाती हैं, जिसके चलते लोगों को दूषित पेयजल की वजह से कई बीमारी हो जाती है. एचबीटीयू के प्रोफेसर एसके गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि पानी की इन्हीं अशुद्धियों की वजह से न सिर्फ लोगों को दांतों की बीमारियां हो रही हैं, बल्कि हड्डियों की बीमारी से भी वे ग्रसित हो रहे हैं.

...इस वजह से बना ऑर्गेनिक घड़ा
प्रोफेसर एसके गुप्ता ने बताया कि जिन लोगों के पास आरओ है, वे तो पानी को फिल्टर करने के बाद इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जिनके पास आरओ की व्यवस्था नहीं है, उनको काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. उन लोगों को ध्यान में रखकर मैंने ऑर्गेनिक मिट्टी के घड़े का निर्माण किया, जो आर्थिक रूप से तंग लोगों के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि यह बहुत ही कम कीमत में मिलेगा और इससे शुद्ध पानी की गुणवत्ता भी बनी रहेगी.

प्रो. एसके गुप्ता ने दी जानकारी
ऑर्गेनिक घड़े को बनाने वाले प्रोफेसर एसके गुप्ता ने बताया कि उन्होंने मिट्टी के साथ एक्टीवेटेड कार्बन की एक निश्चित मात्रा का मिश्रण किया और सूखने के बाद इन बर्तनों में पानी भरा कर देखा तो पानी की अशुद्धियां समाप्त हो गई. इतना ही नहीं, जैसे आरओ में टीडीएस कंट्रोलर होता है, उससे पानी का टीडीएस यानी टोटल डिसॉल्व सॉलिड (ठोस पदार्थ खनिज,धातु, नमक या पानी मे विसर्जित आयनों के रूप) नियंत्रित होता है, उसी तरह से इसमें भी है. वे इस अभिनव प्रयोग की तकनीक को पेटेंट करवाने के बाद लोगों को उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं.

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ऐसे बना ऑर्गेनिक घड़ा
प्रोफेसर एसके गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले हम लोगों ने पेड़ों की पत्ती, छाल और जड़ों से एक्टिव कार्बन बनाया जो अशुद्धि को हटाने का काम करता है. उसके बाद इसको घड़े बनाने वाले लोगों से चारकोल को मिला कर घड़े को बनवाया. उसमें पानी भरने के बाद जब पानी की जांच की गई तो उसकी अशुद्धियां दूर हो गई थी. हालांकि अभी बाजार में इसे आने में वक्त लगेगा.

Last Updated : Jun 21, 2020, 11:03 PM IST

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