कानपुर: देश और दुनिया में आइआइटियंस को उनकी उपलब्धियों के लिए खूब जाना जाता है. अब आइआइटी कानपुर (Indian Institutes of Technology) के विशेषज्ञों की देखरेख में जो स्टार्टअप तैयार किए गए हैं, उन्हें एमएसएमई मंत्रालय से फंड मिल सकेगा. इसके लिए मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दे दी गई है. यानी अब प्रोटोटाइप (किसी वस्तु या उत्पाद को बनाने से पहले बनाया गया उसका एक नमूना) को विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा.
अब IIT के स्टार्टअप्स को मिलेंगे पंख, MSME मंत्रालय ने फंड के लिए दी सहमति
आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार किए गए स्टार्टअप्स को अब पंख मिलने वाले हैं. एमएसएमई मंत्रालय ने इसे आगे बढ़ाने के लिए फंड देने की सहमति दे दी है.
आइआइटी कानपुर में सिडबी इनोवेशन एंड इंक्यूूबेशन सेल के इंचार्ज प्रो.अंकुश ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय की तरफ से डिजाइन इनोवेटिव स्कीम के तहत 7 स्टार्टअप्स को चुना गया है. अब मंत्रालय की ओर से लाखों रुपये का फंड दिया जाएगा. इससे संबंधित कंपनी के सदस्य जल्द से जल्द अपने प्रोटोटाइप को उत्पाद में बदल सकेंगे.
छात्रों के लिए 1.5 लाख और इकाई स्थापना के लिए 40 लाख तक की मदद: आइआइटी के विशेषज्ञों ने बताया कि डिजाइन इनोवेटिव स्कीम में अंतिम वर्ष के यूजी, पीजी और डिजाइन डोमेन में काम करने वाले छात्रों को 1.5 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है. लेकिन कोई अपनी ही औद्योगिक इकाई स्थापित करना चाहता है तो उसे अधिकतम 40 लाख रुपये तक की मदद एमएसएमई मंत्रालय से मिलती है.
इन स्टार्टअप्स का हुआ चयन-
- मैसर्स असाट्रोबा टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड
- मैसर्स कानपुर राइटर्स
- मैसर्स वाटर एंड स्पाइसेस फूड्स प्रा.लिमिटेड
- मैसर्स एग्रोन्वेस्ट सर्विसेस प्रा.लिमिटेड
- मैसर्स एलसीबी फर्टिलाइजर्स प्रा.लिमिटेड
- मैसर्स एक्वाफ्रंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लिमिटेड
- विला मार्ट प्रा.लिमिटेड