कानपुर:जनपद के चमड़ा कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने शहर से कुछ दूर स्थित रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनाने को हरी झंडी दे दी है. अभी तक चमड़ा कारोबारी शहर में ही सीमित था. लेकिन, अब उसका दायरा बढ़ जाएगा. इसको बनाने में करीब 650 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इससे चमड़ा करोबार बेहतर ढंग से फल-फूल जाएगा. साथ ही नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.
विदेशों में चमड़ा की डिमांड
विदेशों में कानपुर से चमड़े की काफी मात्रा में सप्लाई होती है. यूरोप, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और एशिया के कई देशों में शहर के चमड़ा उत्पादों की जबरदस्त मांग है. आंकड़ों के अनुसार जिले से एक्सपोर्ट के तौर पर करीब आठ हजार करोड़ का सालाना कारोबार होता है. वहीं, कई सालों से चमड़ा कारोबारी सरकारी से मांग कर रहे थे कि उन्हें एक ऐसा स्थान दिया जाए, जहां उनके कारोबार की हर समस्या का समाधान हो सके. तभी केंद्र सरकार की ओर से जिले के रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे उद्यमी
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (council for leather export) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा कारोबारी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे. मेगा लेदर क्लस्टर के पास से ही रिंग रोड निर्माण का कार्य चल रहा है. इसके चलते कारोबारियों को अपना माल अन्य शहरों तक भेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं, जो छोटे उद्यमी हैं, उन्हें एक स्थान पर रॉ-मटेरियल, उत्पाद तैयार करने वाले कंपोनेंट समेत कई अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
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