कानपुर: देश और दुनिया में आईआईटी कानपुर(IIT Kanpur) संस्थान बेहतर शोध कार्यों के लिए जाना जाता है. कानपुर आईआईटी में अब शोध के साथ-साथ मरीजों का इलाज भी होगा. दरअसल, कानपुर आईआईटी में जल्द ही मेडिकल की पढ़ाई शुरू होगी और 500 बेड का सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा. आईआईटी कानपुर के इस सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में मरीजों का बेहतर इलाज होगा. मेडिकल की पढ़ाई शुरू होने के बाद कानपुर आईआईटी इस सुविधा से लैस देश के 20 से अधिक टॉप संस्थानों में पहला संस्थान होगा.
अब कानपुर IIT में शोध के साथ होगी मेडिकल की पढ़ाई एक हजार करोड़ के बजट से कानपुर IIT में बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं:आईआईटी कानपुर(IIT Kanpur) के चेयर प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने बताया कि कैम्पस में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज में यूजी व पीजी स्तर के कई पाठ्यक्रम शुरू होंगे. इनमें छात्रों को कार्डियो, न्यूरो समेत अन्य चिकित्सा से जुड़े विषयों की पढ़ाई का मौका मिलेगा. यह संस्थान एक तरह से मेडिकल कॉलेज की तरह संचालित होगा. इसी तरह कैम्पस में यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की शुरुआत होगी, जिसमें कुल 500 बेड होंगे. 50 बेड का उपयोग कैंसर के मरीजों के लिए किया जाएगा.
प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के संचालन के लिए पूर्व छात्रों व आईआईटी को डोनेशन के रूप में राशि देने वालों से कुल 1000 करोड़ रुपये की मदद मिलने की संभावना है. इसमें से पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने 100 करोड़ रुपए दिए हैं. इसके अलावा 300 करोड़ रुपये का फंड अब तक जुटा लिया गया है.
आर्टिफिशियल हार्ट बनाने पर होगा जोर:प्रो.आशुतोष ने बताया कि आईआईटी व मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट मिलकर जब काम करेंगे, तो पूरा जोर आर्टिफिशियल हार्ट बनाने पर होगा. जबकि अन्य स्वास्थ्य उपकरणों में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, डाइयग्नोस्टिक मशीनें शामिल हैं. उन्होंने दावा किया कि जो उपकरण यहां बनाए जाएगें, वह पूरी दुनिया के सबसे सस्ते उपकरण होंगे.
केंद्रीय मंत्री रखेंगे आधारशिला:आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आईआईटी कानपुर में 16 जुलाई को आएंगे. वह गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज व यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की आधार शिला रखेंगे.
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