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बुजुर्ग के पैरों में फटे जूते देखकर सिपाही का पसीजा दिल, खरीदकर पहनाए नए जूते - Kanpur Constable wears new shoes to old man

कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में शिकायत करने आए एक बुजुर्ग के पैरों में फटे जूते देख कर वहां तैनात एक सिपाही का दिल पसीज गया. सिपाही बुजुर्ग के लिए नए जूते खरीद कर लाया और उन्हें अपने हाथों से पहनाया. ये वीडियो अब वायरल हो रहा है.

Kanpur Police Commissionerate
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Published : Jul 22, 2023, 7:05 AM IST

बुजुर्ग को जूते पहनाता सिपाही

कानपुर:पुलिस द्वारा जनता को परेशान करने और मानवता न दिखाने के मिथिक को तोड़ने वाला वीडियो सामने आया है. शुक्रवार को कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय में एक वृद्ध के पैर में फटा जूता देखकर एक सिपाही ने वृद्ध को नए जूते लाकर पहनाए. इस दौरान सिपाही की आंखें भी नम हो गईं. वहीं, मौके पर मौजूद जिन लोगों ने भी ये वाक्या देखा वो भाव-विभोर हो गये. बुजुर्ग ने भी सिपाही को आर्शीवाद दिया. वहीं, इसका वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

दरअसल, वृद्ध कुछ दिनों पहले अपनी शिकायत लेकर पुलिस आयुक्त के पास पहुंचा था. उस समय उनके पैरों में फटे जूते थे. शुक्रवार को बुजुर्ग दोबारा कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पहुंचा, तो सिपाही ने उस वृद्ध को पहचान लिया. उस दिन भी बुजुर्ग के पैरों में वहीं फटे जूते थे. इसके बाद सिपाही तुरंत पुलिस आयुक्त कार्यालय के पास के बाजार से नए जूते लेकर आया और बुजुर्ग को पहनाये. बुजुर्ग ने सिपाही को आशीर्वाद देते हुए कहा, 'इसी तरह लोगों की मदद करना और इस मिथ्या को बदल देना कि पुलिस केवल खराब व्यवहार करती है.'

बता दें कि साढ़ थाना क्षेत्र के राजबहादुर (80) अपनी शिकायत को लेकर शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे थे. यहां उन्होंने पुलिस के आला-अफसरों को जानकारी देते हुए बताया कि उनके मकान पर कोई जबरदस्ती कब्जा करना चाहता है. मामले की जानकारी देकर जब राजबहादुर बाहर निकल रहे थे, तभी मौके पर तैनात सिपाही निशांत तोमर का मानवीय चेहरा देखने को मिला.

सिपाही निशांत तोमर ने कहा कि कुछ दिन पहले भी वह पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में आए थे. तब मैंने उनके जूतों को देखा था, जो कि काफी बुरी हालत में थे. जूते चारों तरफ से फटे हुए थे. उस वक्त मेरे मन में ख्याल आया था कि मैं उनकी कुछ मदद करूं, लेकिन तब तक वह वहां से चले गए थे. शुक्रवार को जब वह दोबारा से शिकायत लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय आए. तब मुझे मौका मिल गया और मैं खुशी में दौड़ता हुआ जल्दी से पास के एक दुकान पर गया और उनके लिए जूते ले आया. सिपाही ने आगे कहा कि जूता लाकर खुद मैंने उन्हें अपने पिता की तरह उनके पैरों में पहनाया.

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