कानपुर:आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा सुपर एक्टीवेटेड कार्बन एन-95 मास्क बनाया है, जो व्यक्ति को न सिर्फ कोरोना वायरस के संक्रमण और बाह्य प्रदूषण से बचाएगा, बल्कि अपनी ही सांस से निकलने वाली दुर्गंध और विषाणु से भी बचाएगा. एक खास तकनीकी पर आधारित यह मास्क भारत में इतनी खूबियों के साथ भारत का पहला मास्क बन गया है. सुपर एक्टिवेटेड कार्बन की 5 लेयर से तैयार यह अनोखा मास्क बाहरी और अंदर की दोनों सांसों को शुद्ध कर देता है. बतादें कि आईआईटी के साथ ही निजी लैब में भी इस मास्क का परीक्षण सफल हो चुका है.
कानपुर IIT ने एक्टिवेटेड कार्बन से बनाया अनोखा मास्क, जानें खूबियां - कानपुर आईआईटी
यूपी के कानपुर आईआईटी ने एक्टिवेटेड कार्बन से एक अनोखा मास्क तैयार किया है. सुपर एक्टिवेटेड कार्बन की पांच लेयर से तैयार यह अनोखा मास्क बाहरी और अंदर दोनों सांसों को शुद्ध कर देता है.
इस मास्क को अब बाजार में उपलब्ध कराने की तैयारी है. आईआईटी कानपुर के इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर में स्थापित स्टार्टअप कंपनी इसका मैन्युफैक्चरिंग कर लोगों तक इसे पहुंचाएगी. इसकी कीमत भी एन-95 की तरह 150 से 200 रुपये ही रखी जाएगी.
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ संदीप पाटिल ने बताया कि आमतौर पर कोई भी मास्क पहनने पर बाहरी वायरस के साथ मास्क के अंदर की दुर्गंध भी बड़ी समस्या बनी रहती है. इंसान को अपनी ही सांसों से आने वाली दुर्गंध और बैक्टीरिया इसका प्रमुख कारण होते हैं. इस बात को ध्यान में रखकर एक्टिवेटेड कार्बन टेक्नोलॉजी के साथ मास्क को विकसित किया गया है, जिसमें कार्बन कणों की लेयर चढ़ाकर मास्क को विकसित किया गया है.
बता दें कि यह मास्क पांच दिन से लेकर 15 दिन तक कारगर है, जो कि एक दम तरोताजा सांस देता है. इसकी एक और खूबी ये भी है कि इसे धोने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. दरअसल इस मास्क में केमिकल बांड व एक्टिवेटेड कार्बन के कण होते हैं. कार्बन को चार्ज कर तैयार करने पर उसकी प्रॉपर्टी बदल जाती है, लिहाजा वह शरीर के लिए नुकसानदेय नहीं होता है.