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सरकारी स्कूल में बच्चों को वीआर बॉक्स से पढ़ाने वाली डॉ. पूजा को मिलेगा राज्य शिक्षक पुरस्कार

कानपुर शहर के एक सरकारी विद्यालय की शिक्षिका छात्र-छात्राओं को वीआर बॉक्स, 3-डी चश्में, टैबलेट और प्रोजेक्टर के माध्यम से भगोल विषय की पढ़ाई कराती हैं. शासन द्वारा शिक्षिका का चयन राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 5:22 PM IST

शिक्षिका वीआर बॉक्स से बच्चों को पढ़ाती.

कानपुर: क्या सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे कभी वीआर बॉक्स जैसे आधुनिक उपकरणों के साथ पढ़ाई कर सकते हैं? आपक जवाब होगा कभी नहीं. क्योंकि सरकारी विद्यालयों में टूटी दीवारें, कच्ची मिट्टी वाली जमीन और छत से पानी टपकता रहता है. लेकिन कानपुर शहर के उच्च प्राथमिक विद्यालय खुजऊपुर की शिक्षिका डॉ. पूजा बच्चों को भूगोल की पढ़ाई वीआर बॉक्स से कराती हैं. खास बात ये है कि यह डिवाइस शिक्षिका ने अपने पैसे से खरीदी है. शासन तक इसकी जानकारी होने पर शिक्षिका को राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए कानपुर से उन्हें चयनित किया गया है.

सीएम योगी आदित्यनाथ डॉ.पूजा को आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं.

भूगोल के कई टॉपिक्स की जानकारी:डॉ.पूजा ने बताया कि उनके विद्यालय में बच्चे प्रोजेक्टर की मदद से सौरमंडल की जानकारी दूर बैठकर लेते हैं. उसके विपरीत जब वह वीआर बॉक्स की मदद से बच्चों को सौरमंडल की जानकारी देती हैं तो उन्हें ऐसा रोमांच आता है कि जैसे वह सभी वहां पहुंच गए हैं. शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने बच्चों को भूगोल के कई टॉपिक्स की जानकारी वीआर बॉक्स के माध्यम से देती हैं. डॉ.पूजा ने बताया कि सूबे के सभी जिलों से एक शिक्षिका का चयन राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है. इसके बाद टॉप 10 की रैंक बनाई जाएगी. अगर उसमें भी उनका नाम होगा तो 10 शिक्षकों को सीएम के हाथों सम्मान दिया जाएगा.


सीएम और शिक्षामंत्री कर चुके हैं सम्मानित: डॉ.पूजा के पास पुरस्कारों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. शहर में प्रदेश स्तर पर हुई शिक्षा गृह प्रतियोगिता में डॉ. पूजा का नाम आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित हुआ था. उस समय सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ.पूजा को सम्मानित किया था. इससे पहले पूर्व शिक्षा मंत्री (बेसिक शिक्षा) डॉ. सतीश द्विवेदी ने भी डॉ. पूजा को एडू लीडर्स यूपी अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं. शिक्षिका जिस स्कूल में हैं, वहां एक दौर था जब छात्राओं की संख्या बेहद कम थी. लेकिन शिक्षिका ने छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल में सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और क्रोशिया की कार्यशाला आयोजित कराई. इसके बाद से स्कूल में छात्राओं की संख्या बढ़ गई.

मोबाइल कंपनी की ओर से जीती स्कॉलरशिप: शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने एक मोबाइल कंपनी की ओर से आयोजित स्कॉलरशिप प्रतियोगिता को जीता और पुरस्कार के तौर पर उन्हें 50 हजार रुपये मिले. इन रुपयों से उन्होंने बच्चों के लिए वीआर बॉक्स, 3-डी चश्मे, टैबलेट और प्रोजेक्टर खरीद लिया था.

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