कानपुरः बेहमई कांड केस की सुनवाई पर फैसला 18 जनवरी को आएगा. यह केस 38 साल से कानपुर देहात की डकैती स्पेशल कोर्ट में चल रहा है. वादी राजा राम ने सिकन्दरा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था.
बेहमई कांड के मुख्य गवाह ने कहा हो रही है खानापूर्ति, ETV BHARAT से की खास बातचीत
यूपी के कानपुर देहात में देश के बहुचर्चित नरसंहार बेहमई कांड का फैसला सोमवार को आना था, जो अब 18 जनवरी को सुनाया जाएगा. 14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने कानपुर देहात के बेहमई गांव में 20 ग्रामीणों को लाइन में खड़ा करके गोलियों से भून डाला था.
इस मामले में मुख्य गवाह जंटर सिंह ने ETV BHARAT से खास बातचीत की. उनका कहना है कि 40 लोगों को उस समय आरोपी बनाया गया था. इस केस में 4 आरोपी जमानत पर बाहर हैं. 6 गवाहों में 4 की मौत हो चुकी है और 2 जिंदा हैं. 1 आरोपी जेल में है और मानसिंह और विश्वनाथ समेत 4 आरोप फरार चल रहे हैं. ये कांड 38 साल पहले कानपुर देहात के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में हुआ था. 38 सालों से चल रहे इस केस से जुड़े कई आरोपियों की मौत हो चुकी है. जंटर सिंह ने आरोप लगाया कि 38 साल से राजनैतिक पार्टियां आरोपी को बचाती आ रही हैं.
38 साल से लम्बित पड़े बेहमई कांड में जंटर सिंह आखिरी गवाह हैं. उनका कहना है कि इस मामले में बस खानापूर्ति हो रही है. अब न्याय किस बात का, सब अन्याय हो रहा है. उस समय 40 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस कांड में 3-4 लोगों बचे है और 4 लोग अभी भी फरार चल रहे हैं. सब राजनैतिक पर्टियों ने इसको मुद्दा बनाया. सपा की सरकार आई तो अपना वोट बैंक बनाई, बीजेपी की सरकार ने अपना वोट बैंक बनाया. जंटर सिंह का साफ तौर पर कहना है कि मुकदमा सब बेकार हो गया. अगर सजा होगी भी तो 80 वर्ष की उम्र के आरोपी को सजा होगी.