कानपुर :शहर की पहचान औद्योगिक नगरी के तौर पर होती है. साथ ही यहां मां गंगा की अविरल और निर्मल धारा का जिक्र हमेशा ही पीएम मोदी और सीएम योगी करते हैं. हालांकि 4 जून को जब देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मर्चेंट चैंबर सभागार में शहर के नामचीन और प्रतिष्ठित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने अपने संबोधन में गंगा के प्रदूषित होने का जिक्र किया था. बता दें कि मर्चेंट चैंबर ऑफ यूपी के 90 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति ने शिरकत की थी.
मर्चेंट चैंबर सभागार में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उद्यमियों को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि अक्सर ही यह देखने में आया, कि गंगा के दूषित होने का जिम्मेदार उद्योगों को बताया गया. ऐसी स्थिति में हम सभी मानकों का पालन करेंगे, तो गंगा भी पूरी तरह से साफ रहेंगी. गंगा साफ रहेगी, तो उद्योगपतियों पर किसी भी तरह का आक्षेप नहीं लगेगा.
गंगा की सफाई के लिए उद्यमी बना रहे योजना गंगा प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर केंन्द्रित रहा राष्ट्रपति का भाषण:
मर्चेंट चैंबर सभागार में राष्ट्रपति का पूरा संबोधन गंगा प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन पर केंन्द्रित रहा. राष्ट्रपति द्वारा प्रदूषण का मुद्दा उठाने के बाद शहर के उद्यमियों ने उनकी चिंता दूर करने के लिए कमर कस ली है. मर्चेंट चैंबर ऑफ उत्तर प्रदेश के सचिव महेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में सभी उद्यमी इस बात पर मंथन करेंगे. चर्चा में गंगा को पूरी तरह साफ रखने के लिए रणनीति बनाई जाएगी. जो उद्योग गंगा के किनारे स्थापित हैं, वहां पूरी तरह से मानकों का पालन कराया जाएगा. ताकि आने वाली पीढ़ी को शुद्ध जल मिल सके.
सीसामऊ नाले का दूषित जल कर रहा गंगा को दूषित :
हर दिन करोड़ों लीटर दूषित जल शहर के सीसामऊ नाले से होकर गंगा में मिल रहा है. लेकिन किसी अधिकारी की इसकी खबर नहीं है. गंगा में मिल रहे गंदे पानी के विषय में जब ईटीवी भारत की टीम ने जिलाधिकारी नेहा शर्मा से बात की उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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