कानपुर: पिछले पांच सालों में यूपी के निर्यात के आंकड़ों को देखेंगे तो उसका ग्राफ ऊंचाई की ओर बढ़ता दिखेगा. इसी वजह से जो विदेश मंत्रालय ने एक अप्रैल को नई विदेश व्यापार नीति लागू की है, उसमें निर्यातकों को पहले से अधिक सहूलियतें दे दी गईं हैं यानी, निर्यातकों का हौसला बढ़ सके इसके लिए अब विदेश मंत्रालय ने निर्यातकों के कारोबार को देखते हुए की जाने वाली रेटिंग में पिछले सालों की अपेक्षा कई बदलाव कर दिए हैं. बानगी के तौर पर अगर किसी निर्यातक को फाइव स्टार रेटिंग में अपना नाम दर्ज कराना है, तो उसे पिछले सालों की तरह 2000 मिलियन यूएस डॉलर के सालाना कारोबार की तुलना में महज 800 मिलियन यूएस डॉलर कारोबार करना होगा. इतने कारोबार पर ही निर्यातकों को फाइव स्टार रेटिंग मिल जाएगी.
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि रेटिंग के नए पैमाने से निर्यातकों में होड़ तो मचेगी. हालांकि निश्चित तौर पर कारोबार में भी वृद्धि होगी. दरअसल, यूपी से अभी तक एक लाख 70 हजार करोड़ का सालाना कारोबार इस सत्र में हो चुका है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये के आसपास था. अब 2030 तक फियो ने यूपी से सालाना कारोबार को 200 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है,