कानपुर: कौन कहता है, आसमां में सुराख नहीं होता...जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों... असल जीवन में इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया, मूल रूप से जयपुर निवासी और आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी (डि-डिजाइंस) की संस्थापक वैशाली बियानी ने. जी हां क्योंकि इन्होंने जिन टायरों के जलने से शहर की हवा में जहर घुलता है, उन्हीं टायरों को इकट्ठा कर कानपुर में मोतीझील स्थित कारगिल पार्क की तस्वीर बदल दी और उसे एनिमल किंगडम पार्क बना दिया.
वैशाली ने साल 2019 में टायरों के उपयोग को लेकर शोध शुरू कर दिया था. उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से लेकर उन्होंने प्रदेश के तमाम जिलों में टायरों के ऊपयोग का डाटा इकट्ठा किया. इसके बाद कानपुर नगर निगम के साथ सबसे पहले करार किया. इस करार में उनके पति, आईआईटी कानपुर के एल्युमिनाई राहुल बियानी ने पूरा साथ दिया. इसके बाद वैशाली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और टायरों से ही पूरे पार्क में शेर, वनमानुष समेत कई अन्य वन्यजीवों की प्रतिमा तैयार करा दीं, जो अलग-अलग रंगों में हैं और हर किसी का ध्यान आकर्षित करती हैं. वैशाली ने बताया कि टायरों से तैयार होने वाला यह भारत का पहला एनिमल किंगडम पार्क है. पार्क में दो से तीन टन टायरों का उपयोग किया गया. अभी तक वह 1000 टन से अधिक टायरों से उत्पाद तैयार कर चुकी हैं. इस काम में आईआईटी कानपुर से प्रो.रामकुमार, प्रो.विवेक वर्मा, प्रदीप भार्गव और उनकी कंपनी के निदेशक अंकुर मल्होत्रा ने उनका बहुत सपोर्ट किया है.
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दक्षिण अफ्रीका से मिला लैपटाप बैग का आर्डर
वैशाली ने बताया कि उन्होंने इन टायरों से तमाम प्रकार का फर्नीचर भी बनाया. इसके अलावा लैपटाप बैग तक तैयार किया. लैपटाप बैग के लिए दक्षिण अफ्रीका से आर्डर भी मिला और लगातार यह उत्पाद दक्षिण अफ्रीका भेजे जा रहे हैं.