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कन्नौज: बस हादसे के न आरोपी गिरफ्तार, न हुई मृतकों की शिनाख्त - kannauj updates in hindi

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुए बस हादसे के दोषियों को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है. साथ ही पुलिस मृतकों कि शिनाख्त भी नहीं कर सकी है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने कि बात कही है.

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नहीं हो पाई है आरोपियों कि गिरफ्तारी.

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Published : Jan 28, 2020, 11:19 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 11:58 AM IST

कन्नौज: जिले में हुए बस हादसे के 15 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस की अभी तक आरोपियों कि गिरफ्तारी नहीं कर पाई और न ही मृतकों की शिनाख्त कर पाई है.

नहीं हो पाई है आरोपियों कि गिरफ्तारी.
कन्नौज में हुए बस हादसा के दोषी आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर हैं. 10 जनवरी को बस में फसे हुए लोग जलकर खाक हो गये थे. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और साक्ष्य भी जुटा लिये गये हैं. इसके बावजूद भी पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

पुलिस मुख्य आरोपी बस की मालकिन के खिलाफ भी सभी सबूत जुटा चुकी है, लेकिन बस मालकिन पुलिस को चकमा देकर आज भी पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर है. हांलाकि पुलिस अब उसको गिरफ्तार करने की फिराक में जुट गई है. पुलिस का मानना है कि आरोपी को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

डीएनए सैंपल को फिर से भेजा गया लखनऊ
कन्नौज में 10 जनवरी को हुए बस हादसे में मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल को फिर से लखनऊ भेजा गया है. फार्म में रिश्ते का जिक्र न किए जाने के कारण सैंपल लौटा दिए गए थे, जिसके बाद इंस्पेक्टर छिबरामऊ ने जिला अस्पताल में फार्म को पूरा भरवाया और फिर इसके बाद सैंपल के साथ उसको दोबारा लखनऊ के लिए भेजा गया. अफसरों की लापरवाही के कारण मृतकों की शिनाख्त हादसे के 15 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पाई है. लापरवाही का आलम यह है कि डीएनए सैंपल छह लोगों के लिए गए थे, लेकिन लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला से उसको लौटा दिया गया.

सैंपल को लौटाया
डीएनए सैंपल और फार्म को जांच अधिकारी रामबदन ने लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जमा किया गया था. फार्म में रिश्ते का कालम छूटा था, जिस कारण प्रयोगशाला से इन सैंपलों और फार्म को वापस कर दिया गया था. फार्म वापस आने पर एसपी ने इस पर नाराजगी जताई और फिर छिबरामऊ कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और चिकित्सक सतेंद्र शाहू से मिलकर अधूरे कागजातों को तैयार कराया. इसके बाद कांस्टेबल जितेंद्र कुमार की ओर से इन सैंपल और फार्म को लखनऊ दोबारा भेजा गया, लेकिन पुलिस को अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है. इसको लेकर मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और पुलिस आगे की कार्रवाई को लेकर असमंजस में पड़ी हुई है.

इन लोगों के दोबारा भेजे गए थे ब्लड सैंपल

शहर परिजन के नाम लापता लोगों के नाम
छिबरामऊ हसीन बानो लापता नूरी की मां
कासगंज नाजिम वारिसी लापता तान्या के पिता
फर्रुखाबाद रईस अहमद लापता लईक का भाई
कानपुर शहजहां बेगम लापता शाहिदा बेगम की मां
तालग्राम उर्मिला देवी लापता प्रिया की मां

मृतकों की शिनाख्त के बाद मिलेगा परिजनों को मुआवजा
जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है. डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मृतकों के परिजनों को यह धनराशि दी जाएगी. इसको लेकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मृतक लोगों का फोरेंसिक टीम ने उनके अवशेष कलेक्ट किए हैं. उनके अवशेष के माध्यम से डीएनए टेस्टिंग के माध्यम से शिनाख्त होने के पश्चात उन्हें भी सहायता राशि दी जाएगी. मुख्यमन्त्री जी की घोषणा के क्रम में दो लाख रुपये मृतक के परिजनों को और पचास हजार घायलों को दिया जाना है.

बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने की नामंजूर
बस हादसे में नामजद बस की मालकिन प्रीति चतुर्वेदी के पति विमल चतुर्वेदी की सरेंडर अर्जी एसीजेएम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है. वहीं सीजेएम अदालत ने पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. मामले में एआरटीओ संजय झा ने बस मालिक प्रीति चतुर्वेदी और उनके पति विमल चतुर्वेदी समेत चार के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. उसके बाद से बस मालिक और उनके पति की गिरफ्तारी के लिए दोनों जनपदों की पुलिस जुटी है. शुक्रवार को विमल चतुर्वेदी ने छिबरामऊ में एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी. कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है इसीलिए वहीं पर सरेंडर अर्जी दी जा सकती है.

बस हादसे की कार्रवाई पर एसपी ने यह जानकारी
पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र प्रसाद ने इस मामले चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विवेचना का काम हो गया है और साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया है. कुछ ऐसी चीजें है जो हमको लैब से प्राप्त होनी है, तो उसकी भी प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है. सैंपल लिए जा चुके हैं. लापता लोगों के परिजनों को आइडेंटीफाई करने के लिए डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर यह साबित हो सकेगा कि उसमें जो जले हुए शव मिले थे वह किनके थे.

बस मालकिन की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की कार्रवाई हुई तेज
इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और हम लोग शीघ्र ही उनको गिरफ्तार करके जेल भेजेंगे.

Last Updated : Jan 28, 2020, 11:58 AM IST

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