कन्नौज: 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में कन्नौज के लाल प्रदीप यादव वीर शहीद हो गए थे. उनके शहीद होने पर सरकार और प्रशासन ने तमाम घोषणा की थी, जो अभी तक अधूरी पड़ी हुई हैं. शहीद के परिजनों की मानें तो राज्य सरकार ने 5 बीघा जमीन का पट्टा देने की बात कही थी, इसमें से महज ढाई बीघा ही दिया गया है. पट्टा भी ऐसी जगह है जहां से कोई रास्ता ही नहीं है.
शहीद की पत्नी ने लगाया प्रशासन पर आरोप. गांव में अब तक शहीद के नाम पर न तो पानी की टंकी बनी है और न ही कोई बोरिंग का काम किया गया है. यही नहीं शहीद के नाम से रोड, पार्क, स्कूल, बारात घर, क्रीड़ा स्थल कुछ भी नहीं बनवाया गया है. शहीद की समाधि स्थल जर्जर अवस्था में है. शहीद के नाम पर गांव में गेट लगवाने का भी ऐलान किया गया था,वह भी नहीं बना. इन सभी समस्याओं को लेकर शहीद प्रदीप यादव की पत्नी नीरज यादव ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
तीन बच्चों के सर से हटा पिता का साया
शहीद सिपाही प्रदीप सिंह यादव का पैतृक गांव जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र में अजान ग्राम पंचायत का सुख सैनपुर गांव है. साल 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए प्रदीप यादव 14 फरवरी 2019 को शहीद हो गए थे. तिर्वा तहसील क्षेत्र के अजान सुखसैनपुर निवासी प्रदीप यादव सीआरपीएफ में तैनात थे. शहीद की पत्नी नीरज यादव कानपुर के बारा सिरोही में रहती हैं. नीरज देवी का एक 6 माह के बच्चे सहित दो बेटियां हैं, जिसमें बड़ी बेटी सुप्रिया यादव 11 साल की है और दूसरी बेटी सोना यादव 4 साल की है.
शहीद की पत्नी नीरज का कहना है कि शहीद के नाम से कोई भी काम नहीं कराया गया है और न ही पार्क के लिए कोई जमीन दी गई है. शहीद स्मारक की बाउंड्री भी नहीं कराई गई है. गांव में कोई भी काम नहीं हुआ है. उस समय तो नेता और अधिकारियों ने यह कह दिया था कि यह कर देंगे किसी ने भी नहीं सुना.
शहीद के गांव में मनाया जा रहा है शहीद दिवस
भले ही सरकार और नुमाइंदों ने शहीद के गांव को भुला दिया हो लेकिन शहीद की जाबांजी से सरोकार रखने वाले उसकी यादों को हमेशा जिंदा रखना चाहते हैं. यही वजह कि शुक्रवार को पुलवामा के शहीदों की पहली बरसी गांव में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है. गांव के लोगों ने ही शहीद प्रदीप यादव के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है.
तिर्वा तहसील के हसेरन ब्लॉक की अजान गांव के रहने वाले सीआरपीएफ के बहादुर जवान शहीद प्रदीप यादव के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन के तहत इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे और शहीद प्रदीप यादव की समाधि पर श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करेंगे. इस दौरान शहीदों की याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ओर से तिर्वा तहसील के एसडीएम और इंदरगढ़ थाना अध्यक्ष को दी गई है.
शहीद के नाम पर गांव का नाम रखने की उठी थी मांग
मृतक शहीद प्रदीप यादव के परिजन गांव में विकास न होने से काफी क्षुब्ध है. उनका कहना है कि पिछले एक वर्ष के दौरान गांव के विकास के लिए वह कई बार जिलाधिकारी से मिले. सांसद सुब्रत पाठक से भी मुलाकात की, सभी ने उन्हें आश्वासन तो दिया पर काम कुछ भी नहीं हुआ. ग्रामीणों ने शहीद प्रदीप यादव के नाम पर गांव का नाम रखे जाने के लिए जिला प्रशासन से कहा था लेकिन अभी तक गांव का नाम भी नहीं बदला गया. गांव का मुख्य द्वार व समाधि स्थल भी अभी तक नहीं बनाया गया है. एक साल बीत चुका है लेकिन शहीद के नाम पर कोई विकास कार्य नही किया गया.
शहीद के नाम पर विकास कार्यों में रोड़ा बना ग्राम प्रधान
पुलवामा हमले में शहीद हुए प्रदीप यादव की पत्नी नीरज यादव ने बताया कि वहां के प्रधान सही से बात नहीं करते हैं. उन्होंने वहीं से बगल में गड्ढा खोद दिया है, और उसी की मिट्टी उठा ली और उसी को दिखा दिया कि देखिए मैंने मिट्टी डलवाई है. नीरज यादव का कहना है कि मेरे पास अभी कोई छत भी नहीं है रहने के लिए. नीरज यादव कानपुर में रहती हैं और ड्यूटी करने कन्नौज आती है.
शहीद की पत्नी की मांग
शहीद की पत्नी नीरज यादव ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरे शहीद पति के नाम से पार्क बनवा दिया जाए. शहीद के नाम से द्वार बनाया जाए, पानी की टंकी रख दी जाए. यहां की सड़क अच्छी से अच्छी बना दी जाए.
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