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दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला : कोर्ट ने दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Court sentenced rape accused two months

कन्नौज जिले में पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने यह कार्यवाही महज 2 माह में पूरी की है.

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दुष्कर्म के बाद हत्या

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Published : Jul 29, 2022, 3:07 PM IST

कन्नौज:नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म करके हत्या करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. सुनवाई के दौरान 7 गवाह पेश किए गए. कोर्ट ने महज 2 माह में मामले की सुनवाई करके आरोपी को सजा सुनाई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि सौरिख थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. फरियादी ने आरोप लगाया था कि 18 मई 2022 को उसकी 10 वर्षीय पुत्री खेत की ओर गई थी. शाम होने के बाद भी जब घर नहीं लौटी तो उसकी खोजबीन की गई. खोजबीन के दौरान किशोरी का शव एक मक्के के खेत में मिला था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी के साथ दुष्कर्म व हत्या की बात सामने आई थी. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की. जांच में सामने आया कि मृतका अपनी दो सहेलियों के साथ शौच के लिए गई थी. तभी गांव के ही अर्जुन पुत्र रामलखन ने दोनों बच्चियों को भूत कहकर भगा दिया और किशोरी को अपने साथ मक्का के खेत में ले गया. जहां उसने किशोरी के साथ पहले दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया, फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी.

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छिबरामऊ सीओ शिव कुमार थापा ने एक माह के भीतर मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान 7 गवाह पेश किए गए. गुरूवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने आरोपी अर्जुन राठौर को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए) सजा सुनाई है. साथ ही 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने धारा 302 में आजीवन कारावास व एक लाख रुपये, 363 में 7 वर्ष कारावास व 10000 रुपये, 201 में 7 वर्ष कारावास व 10000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने महज 2 माह में सजा सुनाई है. पुलिस ने एक माह के भीतर विवेचना करके 27 मई को आरोप पत्र दाखिल किया था और 31 मई को आरोप पत्र प्रेषित हुआ. जबकि 28 जुलाई को सजा सुनाई गई है.

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